
देहरादून। लगातार हो रही बारिश और मलबे के बहाव ने उत्तराखंड में हालात मुश्किल कर दिए हैं। प्रदेशभर में अब तक 203 सड़कें बंद हो चुकी हैं। यातायात प्रभावित होने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चारधाम यात्रा मार्ग खुले होने के बावजूद कई स्थानों पर खतरनाक स्थिति बनी हुई है, जिससे यात्रा जोखिम भरी बनी हुई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 14 सितंबर तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
सड़कें बंद होने से जनजीवन प्रभावित
आपदा प्रबंधन और लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार,
- सबसे अधिक पीएमजीएसवाई की 116 सड़कें प्रभावित हैं।
- लोनिवि और एनएच की 86 सड़कें तथा
- बीआरओ की 1 सड़क बंद है।
जिलावार स्थिति इस प्रकार है:
- उत्तरकाशी और चमोली – 32-32 सड़कें बंद
- रुद्रप्रयाग – 27 सड़कें
- पिथौरागढ़ – 21 सड़कें
- पौड़ी – 19 सड़कें
- टिहरी – 22 सड़कें
- देहरादून – 13 सड़कें
- अल्मोड़ा – 25 सड़कें
- बागेश्वर – 9 सड़कें
- नैनीताल – 2 सड़कें
- हरिद्वार – 1 सड़क
सिर्फ चंपावत और ऊधमसिंहनगर ऐसे जिले हैं जहां किसी भी मार्ग के अवरुद्ध होने की सूचना नहीं है।
बारिश और उमस ने बढ़ाई परेशानी
लगातार बारिश के कारण जहां पहले तापमान में गिरावट से कुछ राहत मिली थी, वहीं अब बारिश थमते ही उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। यह स्थिति केवल मैदानी क्षेत्रों तक सीमित नहीं, बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी उमस और गर्मी लोगों की दिक्कतें बढ़ा रही है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र ने पर्वतीय जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
- अगले कुछ दिनों में तेज बारिश हो सकती है।
- मैदानी क्षेत्रों में गर्जन और बिजली चमकने की संभावना जताई गई है।
- 14 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहने के आसार हैं।
चारधाम यात्रा पर संकट
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्गों को लगातार खोला और दुरुस्त किया जा रहा है।
- गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग खोले जा चुके हैं, लेकिन कई स्थानों पर खतरनाक हालात बने हुए हैं।
- इन स्थलों को सुरक्षित बनाने का काम चल रहा है।
- जब तक ये दिक्कतें दूर नहीं होतीं, तब तक यात्रियों के लिए खतरा बना रहेगा।