
देहरादून। उत्तराखंड में मानसून अब कमजोर पड़ने लगा है, लेकिन इसके असर अभी भी प्रदेशभर में दिखाई दे रहे हैं। बीते कुछ दिनों तक बारिश थमने से लोगों को राहत तो मिली, लेकिन इसके बाद उमस और गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। खासकर मैदानी इलाकों में दिन के समय तेज धूप और रात में उमस भरी गर्मी लोगों को बेचैन कर रही है। वहीं, पहाड़ी इलाकों में भी बारिश रुकने के बाद थोड़ी देर के लिए उमस भरी गर्मी महसूस की जा रही है।
आज का मौसम और येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, मंगलवार को प्रदेश के पर्वतीय जिलों के कुछ हिस्सों में तेज दौर की बारिश हो सकती है। इस संबंध में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, मैदानी इलाकों में गर्जन और बिजली चमकने की संभावना जताई गई है।
आने वाले दिनों में भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। विभाग का अनुमान है कि 14 सितंबर तक राज्य में रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
सड़कें बारिश से बुरी तरह प्रभावित
लगातार बारिश के कारण इस बार प्रदेश में सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि अगस्त महीने में सामान्यत: 300 से 350 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल 554 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो औसत से काफी अधिक है।
भारी बारिश से लोनिवि, पीएमजीएसवाई और राष्ट्रीय राजमार्गों की सड़कों पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ। अब तक 1786 सड़कें बाधित हुईं, जिनमें से 1706 मार्ग खोल दिए गए हैं। हालांकि, अभी भी 80 सड़कें बंद हैं। विभाग लगातार इन्हें खोलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बारिश रुकते ही दोबारा भूस्खलन होने से काम प्रभावित हो रहा है।
सीएम के निर्देश: गड्ढा मुक्त होंगी सड़कें
प्रदेश सरकार ने मानसून के बाद सभी सड़कों को सुचारु बनाने का लक्ष्य तय किया है। आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि न केवल बंद सड़कों को खोला जाए, बल्कि उन्हें गड्ढा मुक्त भी किया जाए। फिलहाल विभाग लगातार बंद रास्तों को खोलने में जुटा है, ताकि स्थानीय लोगों और यात्रियों की परेशानी कम हो सके।
चारधाम यात्रा मार्ग पर अब भी खतरा
चारधाम यात्रा के मार्गों पर भी बारिश का असर साफ दिखाई दे रहा है। विनोद कुमार सुमन ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग तो खोल दिए गए हैं, लेकिन इन पर कई जगहों पर बेहद खतरनाक स्थल बने हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उन स्थानों को चिन्हित कर सुधार कार्य किया जा रहा है। जब तक यह स्थान पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाते, तब तक यात्रा को लेकर प्रशासन सतर्क रहेगा।
कई जगह ढलानों से लगातार पत्थर गिरने और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है, जिससे यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है।
आमजन को सतर्क रहने की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग सतर्क रहें और भारी बारिश की स्थिति में नदी-नालों के पास न जाएं।