
हृदय विदारक दृश्य, मां की मौत और बेटे की बेबसी
नैनीताल शहर के मल्लीताल क्षेत्र में बुधवार रात घटी भीषण घटना ने पूरे शहर को गहरे सदमे में डाल दिया। ऐतिहासिक ओल्ड लंदन हाउस भवन की ऊपरी मंजिल पर लगी आग ने वहां रह रही शिक्षिका शांता बिष्ट (65 वर्ष) की जान ले ली। आग की लपटों और धुएं के बीच उनकी अंतिम आवाज़ थी – “निक्कू, मुझे बचा लो…”लेकिन पुत्र निखिल अपनी मां तक पहुंचने से पहले ही लपटों ने उन्हें घेर लिया।
निखिल की जीवन यात्रा और मां के प्रति समर्पण
शांता बिष्ट अपने पुत्र निखिल (निक्कू) के साथ इसी भवन में रहती थीं। निखिल ने मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में “बर्फी”, “गुंडे” और कई टीवी सीरियल्स पर काम किया था। लेकिन छह वर्ष पूर्व उन्होंने मां और बड़ी मां की सेवा के लिए करियर छोड़ दिया और नैनीताल लौट आए।
- कोविड काल में बड़ी मां का निधन हुआ।
- इसके बाद निखिल ने पूरी तरह मां शांता की देखभाल को ही जीवन का ध्येय बना लिया।
- बुधवार को भी वे उन्हें शहर में गणपति महोत्सव दिखाने ले गए थे।
घटना की रात मात्र दस मिनट के लिए दोस्त का फोन आने पर वे घर से बाहर निकले थे। तभी पड़ोसियों ने उन्हें बताया कि घर से धुआं उठ रहा है। दौड़कर लौटे तो देखा कि पूरा भवन धुएं और आग से घिर चुका है। ऊपर कमरे में मां फंसी थीं। उनकी पुकार कानों तक पहुंची, पर लपटों ने रास्ता बंद कर दिया।
घटना के बाद का मंजर
निखिल ने धुएं के बीच मां तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन बेहोश हो गए। आसपास के लोगों ने किसी तरह उन्हें बचाया।
अब वे सदमे में हैं और मामा प्रो. अजय रावत और मामी सुषमा के साथ हल्द्वानी के राजविहार फेस टू में हैं। वे बार-बार यही कह रहे हैं –
“जिनके लिए सब छोड़ आया था, वे अब नहीं रहे। न मां रही, न घर, न कारोबार…”
बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम के बाद शांता बिष्ट का अंतिम संस्कार रानीबाग श्मशान घाट में किया गया।
शिक्षा और समाज सेवा को समर्पित परिवार
शांता बिष्ट का परिवार शिक्षा और समाज सेवा के लिए जाना जाता रहा है।
- उनकी माता को शिक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रथम राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था।
- पिता पं. ध्यान सिंह रावत मल्लीताल मिडिल स्कूल में प्रधानाचार्य रहे।
- शांता बिष्ट स्वयं पालिका नर्सरी स्कूल की अध्यापिका रहीं।
- बहन स्वर्णलता रावत ‘सुवा’ मोहन लाल साह बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य थीं।
- भाई प्रो. अजय रावत प्रसिद्ध पर्यावरणविद और कुमाऊं विवि में इतिहास विभागाध्यक्ष रहे।
- दूसरी बहन पुष्पा डिप्टी इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स रहीं।
यानी पूरा परिवार शिक्षा और समाज सुधार की धुरी रहा।
ओल्ड लंदन हाउस से जुड़ा इतिहास और त्रासदी
ओल्ड लंदन हाउस भवन शांता की बहन स्वर्णलता ने खरीदा था। उनके निधन के बाद यह शांता और निखिल के हिस्से में आया। विडंबना यह रही कि 2020 में स्वर्णलता का निधन भी इसी भवन में आग लगने से हुआ था। अब उसी भवन ने एक और जिंदगी छीन ली।
प्रशासन और राजनीति की हलचल
- सांसद अजय भट्ट ने अग्निकांड प्रभावितों से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि मामला मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।
- प्रभावित दुकानदारों और ब्यूटी पार्लर संचालक ने अपना नुकसान साझा किया। सांसद ने तत्काल सहायता देने का भरोसा दिलाया।
फायर हाइड्रेंट की लापरवाही
अग्निकांड के दौरान शहर में लगे फायर हाइड्रेंट से पानी नहीं आया, जिससे आग पर काबू पाने में देरी हुई।
- प्रशासन ने जल संस्थान और दमकल विभाग को जांच के आदेश दिए हैं।
- एसडीएम नवाजिश खलिक ने कहा कि सभी हाइड्रेंट की स्थिति की समीक्षा की जाएगी और दोषी विभागों से जवाब तलब होगा।
सांसद अजय भट्ट ने आदेश दिए कि भविष्य में पेयजल और फायर हाइड्रेंट की लाइनें अलग हों। उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो इस पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच भी कराई जाएगी।
खतरे में आसपास की दुकानें और लोग
आग से भवन का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह जर्जर हो चुका है।
- नीचे की दुकानों और रास्तों पर खतरा बना हुआ है।
- प्रशासन ने डीडीए और पालिका को जले हिस्से की सफाई और निचले हिस्से को सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं।




