देहरादून: वरिष्ठ नागरिक दिवस 2025 पर “उत्तराखंड में वरिष्ट नागरिकों के जीवन और सम्पत्ति के संरक्षण हेतु स्थापित मातापिता तथा वरिष्ठ नागरिक कल्याण नियमावली 2011 के प्राविधानों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन से किया गया अनुरोध।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षको को पुनर्स्मारक पत्र भेजने का अनुरोध। इसमें बताया गया है की राज्य में कही कही वरिष्ठ नागरिकों के साथ असभ्य व्यवहार तथा आपराधिक घटनाओं की जानकारी सामने आई है इसलिए ऐसी घटनाओं पर कठोर अंकुश हेतु पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है। इनको पुलिस विभाग की अनेक जरूरी जिम्मेदारियों से अवगत कराते हुए बताया गया है की प्राविधानों के अंतर्गत जिला पुलिस अधीक्षक वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और सम्पत्ति के संरक्षण हेतु प्रत्येक पुलिस स्टेशन उसके क्षेत्राधिकार में निवास कर रहे वरिष्ठ नागरिकों की एक अद्यतन सूची विशेष रूप से,जो अकेले रह रहे हों, रखेंगे। पुलिस स्टेशन का/की प्रतिनिधि यथासम्भव सामाजिक कार्यकर्ता या स्वयं सेवक के साथ ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के घर पर न्यूनतम माह में एक बार के अन्तराल पर जायेंगे और इसके अतिरिक्त उनकी प्रार्थना पर यथाशीघ्र सहायता करेंगे।
स्थानीय पुलिस द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की शिकायतों/समस्याओं पर तुरन्त ध्यान दिया जाएगा! प्रत्येक पुलिस स्टेशन के लिए एक या एक से अधिक स्वयं सेवकों की समिति बनायी जायेगी,जो वरिष्ठ नागरिकों,विशेष रूप से जो अकेले रह रहे हों,और पुलिस तथा जिला प्रशासन के मध्य नियमित सम्पर्क बनाए रखना, सुनिश्चित करेगी! जिला पुलिस अधीक्षक वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और सम्पत्ति के संरक्षण के लिए उठाये गये कदमों के बारे में नियमित अन्तराल पर संचार माध्यमों (मीडिया) और पुलिस स्टेशनों के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित कराएंगे। प्रत्येक पुलिस स्टेशन में वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध किए गए अपराधों से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण विवरणियाँ ऐसे प्ररूप पर,जैसा कि आदेश द्वारा राज्य सरकार विनिर्दिष्ट करें, एक अलग रजिस्टर रखेंगे। सन्दर्भित रजिस्टर जनता के निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहेगा तथा पुलिस स्टेशन का निरीक्षण करने वाला प्रत्येक अधिकारी और रजिस्टर में दिखाई गई प्रास्थिति का अनिवार्यतः पुनर्विलोकन करेगा! पत्र में यह भी याद दिलाया गया है की पुलिस स्टेशन प्रत्येक माह की दस तारीख तक पुलिस अधीक्षक को ऐसे अपराध की मासिक सूचना भेजेगा! वरिष्ठ नागरिकों के”विधि निषेध”का उनकी सुरक्षा के हित में व्यापक प्रचार किया जाएगा तथा ऐसे नागरिकों के अनुरोध पर, घरेलू नौकर हो या वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्य कर रहे किसी व्यक्ति के पूर्ववृत्त का तत्काल सत्यापन किया जायेगा! वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हेतु उनके पड़ोस में रह रहे नागरिकों,आवासीय कल्याण संघों,युवा स्वयंसेवकों,गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर सामुदायिक नीति तैयार की जाएगी। जिला पुलिसअधीक्षक विगत माह की अवधि में वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध घटित अपराधों की प्रास्थिति के बारे में प्रत्येक माह की 20 तारीख तक पुलिस महानिदेशक और जिला मजिस्ट्रेट को पंजीकृत अपराधों के अभियोजन और उनकी जाँच की प्रगति तथा माह की अवधि में उठाये गये निवारक उपायों की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा!जिला अधिकारी, रिपोर्ट, नियम 22 के अधीन जिला स्तरीय समन्वयक तथा अनुश्रवण समिति के समक्ष रखवाएगा। पत्र के अंत में कहा गया है की इन प्राविधानों का क्रियान्वयन पर्वतीय जिलों में तो नगण्य है पर दून में जिलामजिस्ट्रेट/पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रशंसनीय कदम उठाए गए हैं। संगठन का प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ नागरिकों के साथ शीघ्र एडीजी से मिलने जायेगा यह भी निर्णय संगठन द्वारा लिया गया है। प्रेषक:::सुशील त्यागी,महासचिव, संयुक्त नागरिक संगठन, देहरादून।
*वरिष्ठ नागरिक दिवस *
बदलते दौर में यह कैसा बख्त आया है।
हम ही से दूर हो रहा हमारा साया है।
हम आज उनकी जुवां पर लगा रहे बंदिश।
जिन बुजुर्गों ने हमें बोलना चलना सिखाया है।वरिष्ठ नागरिक ज्ञान और अनुभव के अनमोल स्रोत है। और उनके पास शांति, सतत विकास और हमारी सुरक्षा में योगदान करने के लिए बहुत कुछ है।आइए हम सभी उनके अनुभव को जीवन में उतारे हमेशा उनका आदर सम्मान सेवा करें नई पीढ़ी को जागरूक करें। वरिष्ठ नागरिकों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ सामूहिक प्रयास करें।वरिष्ठ नागरिक दिवस की सभी सम्मानित साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
अवधेश शर्मा
संयुक्त नागरिक संगठन