
देहरादून। यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई कि “सपने उन्हीं के पूरे होते हैं, जो मेहनत और विश्वास के साथ उन्हें पूरा करने की ठान लेते हैं।” श्रीनगर गढ़वाल के मेधावी छात्र वैभव जैन ने बिना कोचिंग संस्थान की मदद लिए अपनी लगन और आत्मविश्वास के बल पर नीट पीजी 2025 में 3426वीं रैंक हासिल की है। इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है।
वैभव जैन, श्रीनगर के व्यवसायी पंकज जैन और ममता जैन के बेटे हैं। उन्होंने वर्ष 2024 में गुजरात के एसबीकेएस, बड़ौदा से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। परिणाम घोषित होते ही घर पर जश्न का माहौल बन गया। परिवारजन, रिश्तेदार और मित्र उन्हें बधाई देने पहुंचे।
बिना कोचिंग की पढ़ाई से मिली सफलता
अधिकांश छात्र इस कठिन परीक्षा की तैयारी के लिए बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों का सहारा लेते हैं। लेकिन वैभव जैन ने यह साबित कर दिया कि यदि मन में लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प हो तो आत्म-अध्ययन भी सफलता की राह दिखा सकता है। उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए रोजाना निश्चित समय पर पढ़ाई की और पढ़ाई के साथ-साथ मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर्स पर विशेष ध्यान दिया।
वैभव ने बताया कि “परीक्षा की तैयारी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात अनुशासन और निरंतरता है। मैंने तय कर लिया था कि किसी भी हाल में रोजाना पढ़ाई का समय कम नहीं करूंगा।”
माता-पिता और शिक्षकों को दिया श्रेय
वैभव ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद और शिक्षकों के मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने कहा कि कठिन समय में माता-पिता हमेशा उनका हौसला बढ़ाते रहे और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी।
परिवारजनों का कहना है कि वैभव बचपन से ही पढ़ाई में गंभीर और मेहनती रहे हैं। उनके पिता पंकज जैन ने कहा कि यह उपलब्धि सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे शहर और क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।
क्षेत्र के छात्रों के लिए प्रेरणा
वैभव जैन की इस सफलता ने क्षेत्र के युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा प्रस्तुत की है। अक्सर छोटे शहरों के छात्र यह सोचकर पीछे रह जाते हैं कि बिना बड़े संस्थानों या महंगे कोचिंग क्लास के सफलता पाना मुश्किल है। लेकिन वैभव ने यह मिथक तोड़ दिया है।
स्थानीय लोगों और शिक्षकों का कहना है कि उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी को यह संदेश देगी कि आत्मविश्वास, अनुशासन और निरंतर मेहनत से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है।
आगे का लक्ष्य
वैभव का सपना है कि वे एक सफल विशेषज्ञ चिकित्सक बनकर समाज की सेवा करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वे मेडिकल क्षेत्र में रिसर्च और मरीजों की बेहतर सेवा को प्राथमिकता देंगे।