
बागपत | उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के टांडा गांव से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक किशोरी ने महज 52 सेकंड में मासूम की जिंदगी खत्म कर दी। घटना दारूल उलूम मुजफ्फरिया लिल बनात मदरसे की है, जहां शनिवार रात मौलवी शहजाद के 11 माह के गोद लिए बेटे दलहा की दम घुटने से मौत हो गई। इस वारदात को अंजाम उसी मदरसे में पढ़ने आई एक किशोरी ने दिया।
घटना ऐसे हुई
शनिवार रात करीब 12 बजकर 8 मिनट पर आरोपी किशोरी सीसीटीवी कैमरे में मौलवी शहजाद के कमरे में जाती हुई दिखाई दी। वहां उसने दलहा को कपड़े में लपेटकर रजाई व कपड़ों के नीचे दबा दिया। यह सब उसने 52 सेकंड में किया और वापस अपने कमरे में जाकर आराम से सो गई। सुबह जब परिवारजन बच्चे को ढूंढने लगे, तो आरोपी भी सबके साथ तलाश का नाटक करती रही।
सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
जब बच्चे का पता नहीं चला तो मदरसे में लगे कैमरों की फुटेज खंगाली गई। उसमें आरोपी किशोरी की करतूत साफ दिखाई दी। पूछताछ में उसने खुद स्वीकार किया कि गुस्से में उसने दलहा को मार डाला और बाद में पुलिस के सामने बच्चे को बेड से बरामद कराया गया।
गुस्से की वजह
किशोरी ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले वह मदरसे में पढ़ने आई थी। एक महीने पहले मौलवी शहजाद और उसकी पत्नी ने उसे चोरी-छिपे मोबाइल पर बात करने पर बुरी तरह पीटा और परिजनों को भी बुलाकर डांटा। तभी से उसने मौलवी से बदला लेने की ठान ली थी। मौक़ा पाकर उसने मौलवी के मासूम बेटे को ही निशाना बनाया।
मौलवी का परिवार और मासूम दलहा
जानकारी के अनुसार, मौलवी शहजाद की तीन बेटियां हैं। उनके साले सरताज का कुछ माह पहले पत्नी से तलाक हो गया था। इसके बाद सरताज ने अपने चार माह के बेटे दलहा की परवरिश में असमर्थता जताई। ऐसे में मौलवी शहजाद ने उसे गोद ले लिया और पाल रहे थे। लेकिन शनिवार रात यह खुशियां मातम में बदल गईं।
मदरसा निकला बिना मान्यता का
बागपत जिले में कुल 131 मदरसे संचालित हैं, जिनमें से केवल तीन ही मान्यता प्राप्त हैं। शेष बिना मान्यता के चल रहे हैं। टांडा गांव का यह मदरसा भी गैर-मान्यता प्राप्त निकला, जहां बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों की लगभग 40 किशोरियां धार्मिक शिक्षा के लिए रह रही थीं।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी किशोरी को गिरफ्तार कर लिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चे की मौत का कारण दम घुटना आया है। वहीं, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कैलाश चंद तिवारी ने पुष्टि की कि यह मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं है। प्रशासन अब इसकी जांच कर रहा है।
गांव में मातम, लोगों में आक्रोश
इस दिल दहला देने वाली घटना से पूरे इलाके में सनसनी है। टांडा गांव व आसपास के ग्रामीणों में गुस्सा है कि बिना मान्यता के चल रहे मदरसे में मासूम की जिंदगी इतनी बेरहमी से खत्म कर दी गई। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है और आरोपी किशोरी को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने की तैयारी चल रही है।