
नैनीताल। प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायत चुनावों ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर भाजपा ने 10 में कब्जा जमाया जबकि कांग्रेस को सिर्फ देहरादून जिले में जीत मिली। नैनीताल में परिणाम फिलहाल स्थगित है और वहां पुनः चुनाव की संभावना है। यह नतीजे भाजपा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाले हैं क्योंकि राज्य की सत्ता में आने के बाद से ही धामी सरकार विपक्ष को मात देने के लिए लगातार आक्रामक तेवर अपनाए हुए है।
किस जिले में किसकी जीत?
- यूएस नगर – अजय मौर्य (भाजपा)
- चंपावत – आनंद सिंह अधिकारी (भाजपा)
- पिथौरागढ़ – जितेंद्र प्रसाद (भाजपा)
- उत्तरकाशी – रमेश चौहान (भाजपा)
- चमोली – दौलत सिंह बिष्ट (भाजपा)
- अल्मोड़ा – हेमा गैड़ा (भाजपा)
- रुद्रप्रयाग – पूनम कठैत (भाजपा)
- पौड़ी – रचना बुटोला (भाजपा)
- बागेश्वर – शोभा आर्या (भाजपा)
- देहरादून – सुखविंदर कौर (कांग्रेस)
- टिहरी – इशिता सजवाण (भाजपा)
- नैनीताल – नतीजे लंबित (अपहरण प्रकरण के कारण चुनाव स्थगित)
- हरिद्वार – पंचायत चुनाव नहीं हुए
निर्दलीयों ने बदली तस्वीर
पंचायत चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने अहम भूमिका निभाई। 358 सीटों में से 145 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। जबकि भाजपा समर्थित 121 और कांग्रेस समर्थित 92 प्रत्याशी विजयी रहे।
कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की लड़ाई में ये निर्दलीय किंगमेकर बनकर उभरे। देहरादून में कांग्रेस ने 13 सदस्यों के साथ बढ़त बनाई थी, लेकिन अंतिम क्षणों में चार निर्दलीयों का समर्थन मिलने से उनकी जीत पक्की हो गई। वहीं, कई जिलों में भाजपा को भी निर्दलीयों का साथ मिला।
नैनीताल का चुनाव बना सस्पेंस
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मुकाबला भाजपा की दीपा दरमवाल और कांग्रेस की पुष्पा नेगी के बीच है। लेकिन चुनाव से ठीक पहले पांच कांग्रेस समर्थित सदस्यों के अपहरण ने पूरे प्रदेश की राजनीति को हिला दिया।
अज्ञात लोगों ने वोट डालने जा रहे सदस्यों पर हमला कर उन्हें वाहन में डालकर अगवा कर लिया। इस घटना के बाद कांग्रेस ने भाजपा और पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लगाए और मामला सीधा हाईकोर्ट तक पहुँच गया।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव को स्थगित कर दिया गया है और अब दोबारा चुनाव की तारीख आयोग तय करेगा। यह प्रकरण धामी सरकार के लिए भी चुनौती बन गया है क्योंकि विपक्ष इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताकर लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है।
कोर्ट की सख्ती
सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने SSP नैनीताल को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने यहां तक टिप्पणी कर दी कि “क्यों न SSP का तबादला कर दिया जाए।”
कोर्ट ने कहा कि चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल रही। अब 19 अगस्त को अगली सुनवाई होगी।
राजनीतिक मायने
पंचायत चुनाव के नतीजे साफ संकेत देते हैं कि 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की पकड़ गांव-गांव तक मजबूत हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संगठनात्मक रणनीति और युवाओं को साधने की कोशिश रंग लाती दिख रही है।
वहीं, कांग्रेस एक बार फिर बिखरी और कमजोर नजर आई। देहरादून की जीत को छोड़कर उसे किसी जिले में सफलता नहीं मिल सकी। अब नैनीताल का परिणाम ही तय करेगा कि विपक्ष को थोड़ी राहत मिलती है या भाजपा का एकतरफा विजय रथ चलता रहता है।