
चरखी दादरी| हरियाणा के चरखी दादरी में रविवार को कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए सरेआम एक युवक की डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह पूरी घटना एनएच-334 बी पर दिनदहाड़े हुई, जहां दो गुटों के बीच जमकर भिड़ंत हुई और एक युवक की जान चली गई। हादसे के समय सड़क पर आमजन मौजूद थे, लेकिन किसी ने साहस नहीं दिखाया। कई लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो बनाए, लेकिन पीटे जा रहे युवक को बचाने की कोशिश किसी ने नहीं की।
गुटीय रंजिश में बदली हिंसा
घटना वाल्मीकि बस्ती के दो गुटों के बीच चल रहे पुराने विवाद का नतीजा बताई जा रही है। शनिवार दोपहर करीब आधे घंटे तक एनएच-334 बी पर फिल्मी अंदाज में मारपीट और फायरिंग होती रही। दोनों ओर से डंडे और लाठी-डंडे चले, वहीं एक गाड़ी को पलटने तक की नौबत आ गई। इस दौरान एक गुट की तरफ से फायरिंग भी की गई, हालांकि किसी को गोली नहीं लगी। फायरिंग के बाद हमलावर गाड़ी में सवार होकर भागने लगे, लेकिन उनमें से एक युवक साहिल पीछे छूट गया, जिसे दूसरे गुट के लोगों ने पकड़ लिया।
साहिल को पीट-पीटकर मार डाला
साहिल को हमलावरों ने बीच सड़क पर लिटाकर बुरी तरह डंडों से पीटा। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस मौके पर पहुंचने के बावजूद हमलावर युवक को पीटते रहे। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को खुद हमलावरों पर डंडे बरसाने पड़े ताकि साहिल को बचाया जा सके। गंभीर रूप से घायल साहिल को चरखी दादरी नागरिक अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे हालत नाज़ुक होने पर रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। उपचार के दौरान देर शाम उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम के बाद होगी अंतिम कार्रवाई
पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक साहिल की उम्र करीब 25 वर्ष बताई जा रही है। उसके परिजनों से पूछताछ की जा रही है और दोनों गुटों की पहचान कर नामजद रिपोर्ट दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
गंभीर सवाल: पुलिस के सामने हत्या, फिर भी रोक न सकी भीड़
यह घटना न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे भीड़ के सामने और पुलिस की मौजूदगी में कानून को पैरों तले रौंदा जा रहा है। जहां एक ओर लोग वीडियो बनाते रहे, वहीं पुलिस की मौजूदगी में भी युवक को नहीं बचाया जा सका। अब सवाल यह है कि आखिर किसकी जिम्मेदारी है इस हत्या की? और क्या भीड़ को तमाशबीन बने रहना चाहिए था?