
हरिद्वार। कांवड़ मेले का उत्साह चरम पर है। पैदल यात्रियों की भीड़ के बाद अब डाक कांवड़ यात्रियों का सैलाब हरिद्वार पहुंचने लगा है। शुक्रवार से बैरागी कैंप में डाक कांवड़ वाहनों की आमद शुरू हो गई है, जो अगले पांच दिनों तक जारी रहेगी। पुलिस और प्रशासन ने डाक कांवड़ वाहनों के लिए बैरागी कैंप को केंद्र बिंदु बनाया है। यहीं से कांवड़ियों को गंगाजल भरवाने के बाद सिंहद्वार से रवाना किया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत हर दिन लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
10 जुलाई से लेकर अब तक एक करोड़ 16 लाख 90 हजार शिवभक्त गंगाजल लेकर अपने-अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो चुके हैं। इनमें हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के भक्तों की संख्या सबसे अधिक है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के मुकाबले काफी अधिक है। वर्ष 2024 में पांच दिनों में कुल 49 लाख 40 हजार डाक कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे थे। कांवड़ मेला क्षेत्र पूरी तरह केसरिया रंग में रंगा हुआ है। बाइक, कार और ट्रकों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हरिद्वार में व्यापक सुरक्षा और व्यवस्था के इंतज़ाम किए गए हैं। 22 जुलाई तक यह सिलसिला चरम पर रहेगा।
बैरागी कैंप का महत्व
प्रशासन बैरागी कैंप का उपयोग कुंभ, अर्धकुंभ और प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए करता रहा है। वर्ष 2012 में तत्कालीन एसएसपी अरुण मोहन जोशी द्वारा शुरू की गई डाक कांवड़ वाहन योजना आज भी सफलतापूर्वक लागू है और भीड़ प्रबंधन में मददगार साबित हो रही है। धर्मनगरी हरिद्वार में चारों ओर “हर हर महादेव” के जयकारों के साथ श्रद्धा और उल्लास का माहौल बना हुआ है।