
कानपुर के मूलगंज क्षेत्र स्थित एक होटल में बिहार के गया निवासी ट्रस्ट संचालक रंजीत कुमार के साथ 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रंजीत को करीब 22 दिन तक शातिर ठगों ने बंधक बनाकर रखा और लगातार नशीली गोलियां खिलाकर उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर किया गया।
होटल में रखा बंधक, भोजन में दी जाती थीं नशीली गोलियां
यह घटना 9 मई को शुरू हुई, जब ट्रस्ट संचालक रंजीत कुमार कानपुर पहुंचे थे। स्टेशन पर उनकी मुलाकात अर्पित राठौर नामक व्यक्ति से हुई, जिसने उन्हें मूलगंज स्थित सिटी पैलेस होटल के कमरे नंबर 301 में ठहराया। यहीं पर शातिर गिरोह ने उन्हें बातों में उलझाकर ट्रस्ट से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल कर लिए। इसके बाद रंजीत को भोजन में नशीली गोलियां मिलाकर दी गईं, जिससे वह बेहोश जैसे रहने लगे।
मोबाइल छीना, पासवर्ड और बैंक जानकारी हथियाई
जब रंजीत को होश आया, तो उनका मोबाइल फोन गायब था। पूछने पर आरोपियों ने पहले बहाने बनाए और फिर बताया कि मोबाइल उनके पास है। इसके बाद उन्होंने रंजीत से जबरन बैंक खातों से जुड़ी जानकारी और पासवर्ड ले लिए। 15 मई को नशे की हालत में ही उन्हें बैंक ले जाकर आठ लाख रुपये निकलवाए गए।
पत्नी के खाते से भी उड़ा दिए पैसे
16 मई को आरोपियों ने उन्हें एक लाल रंग की कार में बैठाकर सूनसान स्थान पर पहुंचाया। इस दौरान कभी-कभी रंजीत को पत्नी से मोबाइल पर बात करने दी जाती थी। एक बार आरोपियों ने रंजीत को धमकाकर पत्नी से बैंक खाते का बैलेंस पूछवाया। खाते में 1.80 लाख रुपये होने की जानकारी मिलने पर आरोपियों ने रंजीत के मोबाइल से स्कैनर भेजा और पत्नी से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। आरोपियों ने उसकी पत्नी को धमकी दी कि अगर उसने पुलिस को खबर दी तो उसके पति की हत्या कर दी जाएगी।
22 दिन बाद छोड़ा स्टेशन पर
लगातार नशीली दवाओं के सेवन और मानसिक दबाव के चलते रंजीत पूरी तरह से असहाय हो चुके थे। आखिरकार, 2 जून को आरोपी उन्हें नशे की हालत में ही स्टेशन के पास छोड़कर फरार हो गए। रंजीत किसी तरह बिहार लौटे और वहां जाकर अपने परिजनों को पूरी आपबीती सुनाई। इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था और होटल निगरानी प्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की जांच के लिए पुलिस को रंजीत के बयान दर्ज कर आवश्यक साक्ष्य जुटाने का निर्देश दिया गया है। वहीं, पीड़ित पक्ष ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और न्याय की मांग की है।