
देहरादून | देहरादून की पुलिस लाइन इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनी, जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खुद योगाभ्यास किया। उनके साथ राज्यपाल गुरमीत सिंह और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी योग कार्यक्रम में भाग लिया। यह आयोजन उत्तराखंड में योग के महत्व और सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सीएम धामी का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में कहा—
“योग भारत की प्राचीनतम और गौरवशाली परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है बल्कि सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देवभूमि उत्तराखंड से निकला योग आज संपूर्ण विश्व में अपनाया जा रहा है। आइए, हम सभी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ व संतुलित समाज के निर्माण में सहभागी बनें।”
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ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखा भारी उत्साह
देहरादून के ग्रामीण इलाकों में भी योग दिवस को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। जौलीग्रांट, भानियावाला, रानीपोखरी और डोईवाला क्षेत्रों में भोर होते ही लोग योग शिविरों में पहुंचे। हर आयु वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और योगाभ्यास किया। आयोजनों में स्थानीय समितियों की भी सक्रिय भूमिका रही।
खगेली गांव की अंजलि कुंवर बनीं अंतरराष्ट्रीय योग गुरु
उत्तराखंड के कर्णप्रयाग ब्लॉक के खगेली गांव की अंजलि कुंवर (28) अब देश ही नहीं विदेशों में भी योग का नाम रोशन कर रही हैं।
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अंजलि हर दिन ऑनलाइन 30 से अधिक विदेशी नागरिकों को योगाभ्यास सिखाती हैं।
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इसके अलावा भारत के विभिन्न हिस्सों से 100 से अधिक लोग रोज़ाना उनके अलग-अलग बैचों में योग सीखते हैं।
उनकी यह पहल ग्रामीण भारत की प्रतिभा को वैश्विक मंच पर लाने का उदाहरण बन गई है।
योग भारत की प्राचीनतम और गौरवशाली परपंरा का अमूल्य उपहार है। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है बल्कि सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में देवभूमि उत्तराखंड से निकला योग आज संपूर्ण विश्व में अपनाया जा रहा… pic.twitter.com/dVMEFr3ZL2
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 21, 2025
निष्कर्ष
इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तराखंड ने संपूर्ण भारत और विश्व को यह स्पष्ट संदेश दिया कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की शैली है। राष्ट्रपति की उपस्थिति, मुख्यमंत्री का संकल्प और जनता की भागीदारी यह दर्शाती है कि देवभूमि योग की प्रेरणास्थली बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।