
हरदोई। पत्नी से अवैध संबंधों की जानकारी पर पति ने मेडिकल स्टोर संचालक की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव नहर में फेंक दिया। बीते शुक्रवार से लापता मेडिकल स्टोर संचालक का शव शनिवार रात सुरसा थाना क्षेत्र में मझिला पुल के पास नहर में मिलने के बाद हुई जांच में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो उसने हत्या कर शव फेंकने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस का मानना है कि हत्या में कोई और भी शामिल है। उसकी तलाश भी की जा रही है। हरपालपुर कोतवाली क्षेत्र के बांसी निवासी सचिन कुमार राजपूत (25) मेडिकल स्टोर चलाते थे। उसका मेडिकल स्टोर सांडी के चौधरियापुर के पास है। बीते शुक्रवार को वह मेडिकल स्टोर गए थे। दोपहर में यहीं से संदिग्ध हालात में लापता हो हो गए थे। परिजनों ने तलाश की, लेकिन सुराग नहीं मिला। शनिवार देर शाम सांडी पुलिस को सूचना दी।
इसी बीच शनिवार रात लगभग साढ़े नौ बजे सुरसा थाना क्षेत्र के मझिला पुल के पास नहर में शव मिला। शव की पहचान कराने के लिए रात में ही सभी थानों को फोटो भेजी गई थी। यही फोटो देखकर सचिन के परिजन मौके पर पहुंचे और पहचान कर ली। सचिन के पिता यदुनंदन ने हत्या कर शव फेंके जाने की आशंका जताई, तो देर रात ही पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज कर लिया।
एसपी नीरज कुमार जादौन ने खुलासा करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी नृपेंद्र को लगाया। सर्विलांस की मदद से पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले, तो पुलिस ने सांडी थाना क्षेत्र के मानीमऊ निवासी रामेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रामेंद्र मेरठ में रहकर नौकरी करता था। उसके घर सचिन का आना जाना था। इसी बीच सचिन और रामेंद्र की पत्नी के बीच संबंध हो गए थे। इसकी जानकारी रामेंद्र को मिल गई थी। इसके चलते ही रामेंद्र ने सचिन की हत्या कर दी और शव नहर में फेंक दिया। अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि घटना में कम से कम एक और व्यक्ति शामिल है। अभी कई और बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।
रामेंद्र मेरठ से पांच जून को चुपचाप गांव आ गया था। छह जून की दोपहर उसने अपनी पत्नी पर दबाव डालकर सचिन को फोन कराया। सचिन को मिलने के लिए बुलाया। सचिन फौरन ही रामेंद्र की पत्नी के बताए स्थान पर पहुंच गया। वहां रामेंद्र मौजूद मिला। दोनों के बीच बातचीत हुई और कुछ देर बाद वजनदार वस्तु से सिर और सीने पर वार कर हत्या कर दी। इसके बाद शव नहर में फेंक दिया।
मेरठ में काम करने वाले रामेंद्र ने सचिन की हत्या करने की बात मन में तय कर ली थी। इसके लिए वह बाकायदा मेरठ से एक मोबाइल चोरी कर लाया। सचिन की हत्या करने के बाद उसने चोरी के मोबाइल से ही सचिन के भाई योगेश को मैसेज भेजकर दो लाख रुपये की फिरौती मांगी। रामेंद्र को उम्मीद थी कि चोरी का मोबाइल है इसलिए उसे नहीं पकड़ा जाएगा, बल्कि जिसका मोबाइल है, पुलिस उसे ही पकड़ेगी। इसके बाद रामेंद्र ने एक गलती कर दी। चोरी के मोबाइल में अपना सिम डाल दिया। उधर अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी नृपेंद्र सर्विलांस पर खुद ही काम कर रहे थे। संदिग्ध आईएमईआई नंबर नजर आने पर मामला पकड़ में आ गया।