
नई दिल्ली। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के चेयरमैन और राज्यसभा सदस्य मनन कुमार मिश्रा ने रविवार को इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनौली की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। उन्होंने उनकी तुरंत रिहाई और निष्पक्ष सुनवाई की मांग भी की। कोलकाता की रहने वाली और पुणे के लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ रही 22 साल की शर्मिष्ठा को शुक्रवार रात गुरुग्राम से कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
शर्मिष्ठा पनौली की गिरफ्तारी से नाराज मनन मिश्रा ने बयान में कहा कि एक युवा लॉ छात्रा को महज शब्दों की गलत अभिव्यक्ति के लिए बलि का बकरा बनाना और कड़ी कार्रवाई करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं दूसरी ओर, सरकार प्रायोजित घटनाओं में हुए अत्याचारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि जिस सरकार ने पहले ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया था, वही अब एक छात्रा की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, यह दोहरे मापदंड का उदाहरण है।
मिश्रा ने बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस से अपील की कि वे चुनिंदा आवाजों को निशाना बनाना बंद करें और सभी के लिए कानून का समतुल्य पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सच्चे लोकतंत्र में निष्पक्षता, संयम और सभी के अधिकारों की सुरक्षा जरूरी है, न कि प्रतिशोध की राजनीति। कोलकाता पुलिस ने इंस्टाग्राम इनफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनौली (22) को शुक्रवार रात गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। उन्हें शनिवार को कोलकाता की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया