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हल्द्वानी। हल्द्वानी में परिवहन विभाग में फिटनेस प्रमाणपत्र और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। एक दलाल ने 15 हजार रुपये लेकर ई-रिक्शा का फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर दिया। इस पर मुहर और हस्ताक्षर फर्जी थे। विभागीय दस्तावेज में भी उसका कोई रिकॉर्ड नहीं था। अब एआरटीओ (प्रशासन) बीके सिंह ने मुखानी पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है।
रिपुर नायक कुसुमखेड़ा की इंद्रा काॅलोनी फेस दो निवासी कुनाल अपने ई-रिक्शा का फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर परिवहन विभाग के कार्यालय आया तो एआरटीओ को उस पर शक हुआ। उन्होंने कुनाल से जानकारी ली। उसके बाद जांच कराई तो प्रमाणपत्र जाली निकला, मुहर व हस्ताक्षर फर्जी थे। एआरटीओ ने कुनाल को नोटिस जारी कर बुलाया।
कुनाल ने बताया कि कुछ माह पहले वह फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाने यहां आया था। गेट के पास उसे एक दलाल मिला। उसने 15 हजार रुपये लेकर फिटनेस प्रमाणपत्र बनवा दिया। इससे पहले भी उसने उसका डीएल बनवाया था। एआरटीओ ने डीएल की जांच कराई तो वह भी फर्जी निकला। ऐसे में मुखानी थाने में नामजद तहरीर दी गई है।
मामला गंभीर है। फर्जी हस्ताक्षर और मुहर लगाकर डीएल व फिटनेस प्रमाणपत्र बनाना गंभीर अपराध है। प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई है। अब अन्य डीएल और फिटनेस की भी जांच की जा रही है।
-बीके सिंह, एआरटीओ प्रशासन।
मामला खुलने पर आरटीओ कार्यालय में खलबली मची है। सवाल यह है कि बताए गए दलाल ने अब तक कितने और किस-किस को फर्जी डीएल व प्रमाणपत्र थमाए हैं। यह खेल कब से चल रहा है। आशंका यह भी है कि इस तरह का धंधा करने वालों का पूरा रैकेट हो सकता है। इसकी भी जांच जरूरी है।