गिरियक। राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग के नेतृत्व में मिशन मुक्ति फाउंडेशन, आइडिया एनजीओ और पुलिस की टीम ने नालंदा के पावापुरी थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया। इस मामले में पति-पत्नी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुक्त कराई गईं लड़कियां पंजाब, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।
इन लड़कियों को अच्छी नौकरी और फिल्म में डांस का झांसा देकर नालंदा लाया गया था। उन्हें तीन म्यूजिकल ग्रुप्स – बबीता म्यूजिकल ग्रुप, बीआर म्यूजिकल ग्रुप और आशिकी बैंड में काम करवाया जा रहा था। गिरोह का संचालन पावापुरी निवासी रंजीत प्रसाद उर्फ राजू और उसकी पत्नी बबीता (गोड्डा, झारखंड) कर रहे थे। इनके साथ पंजाब निवासी त्रिलोक कुमार और चंदन कुमार भी शामिल थे। यह गिरोह पिछले 8 साल से म्यूजिकल ग्रुप की आड़ में नाबालिग लड़कियों से डांस और अन्य कार्य करवा रहा था।
छापामारी में में शामिल मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सभी को छोटे छोटे कमरों में रखा जाता था। आर्केस्ट्रा संचालक द्वारा सबका अलग-अलग रेट तय किया गया था। किसी को 1300 रुपये, किसी को 1000 रुपये तो किसी को 700 रुपये रोज देने का वादा कर बुलाया गया था। मगर 6 माह बीत जाने के बाद भी इन लोगों को जब एक भी रुपये नहीं दिए गए तो इन लोगों ने अपने परिवार वाले से किसी तरह संपर्क कर अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद परिवार वालों ने एक एनजीओ के मदद से यहां तक पहुंचे।
इन सभी नाबालिग लड़कियों से ऑर्केस्ट्रा में अश्लील डांस करवाया जा रहा था। रेड में मिशन मुक्ति फाउंडेशन, आइडिया एनजीओ, चाइल्ड हेल्पलाइन और पावापुरी थाना पुलिस ने हिस्सा लिया। टीम का नेतृत्व वीरेंद्र कुमार सिंह और राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने किया। राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि यह आपरेशन एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के तहत किया गया। फिलहाल मामले की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।