नारनौल (हरियाणा)। नाबालिग लड़की के साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 20 साल का कठोर कारावास और 1.28 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। वहीं न्यायालय ने लीगल एड को पीड़िता के परिवार को 4 लाख की सहायता राशि प्रदान करने के आदेश दिए।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा की गई उत्कृष्ट पैरवी पर नाबालिग पीड़िता के साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में केपी सिंह स्पेशल कोर्ट/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट, पॉक्सो नारनौल की कोर्ट ने आरोपी प्रीतम को दोषी करार देते हुए धारा 366 आईपीसी के तहत 7 साल कठोर कारावास की सजा, धारा 506 आईपीसी के तहत 2 वर्ष कठोर कारावास की सजा, धारा 4 पॉक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 1 लाख 28 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि ना भरने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
मामले के अनुसार 8 जुलाई 2022 को नाबालिग पीड़िता के बयान पर महिला थाना नारनौल में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद नाबालिग पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए। जांच इकाई के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों का आंकलन कर अभियोग में प्रभावी कार्रवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश किया गया था।
मामले की सुनवाई केपी सिंह स्पेशल कोर्ट/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट, पॉक्सो नारनौल की कोर्ट में हुई। न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप जिला न्यायवादी भारत भूषण दहिया ने मामले में अभियोजन के पक्ष में प्रभावशाली पैरवी करते हुए न्यायाधीश के सामने दलीलें पेश करते हुए दोषी को कठोर सजा दिलाने में भूमिका निभाई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मामले को बहुत ही संगीन माना और जांच इकाई की उत्कृष्ट पैरवी व प्रॉसीक्यूशन द्वारा पेश की गई मजबूत दलीलों से दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती।
पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ द्वारा जिला महेंद्रगढ़ के सभी प्रबंधक थाना, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हुए हैं कि महिला विरुद्ध अपराध व पॉक्सो एक्ट के तहत शिकायत का बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें। उन्होंने कहा कि साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्रवाई करते हुए न्यायालय में आरोपियों को दंड व पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करें।