वाराणसी। वाराणसी के भदैनी निवासी परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले में लापता बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के दिल्ली में रहने वाले बहनोई से पुलिस ने पूछताछ की। उन्होंने पुलिस को बताया कि जून 2023 में जब उनकी शादी हुई थी तो विशाल नहीं आया था। विक्की से वह कभी मिले नहीं थे, बल्कि एकाध-दो बार ही उनकी बातचीत हुई थी। उन्हें परिवार की आपराधिक घटनाओं की भी जानकारी नहीं दी गई थी।
यह सुनकर पुलिस भी आश्चर्यचकित रह गई कि जो युवक अपनी सगी बहन की शादी में नहीं आया था। वह दो साल बाद बड़े पापा के परिवार और दादी के साथ दीपावली का त्योहार मनाने अचानक ही चला आया। हालांकि अहमदाबाद, मुंबई, बंगलूरू और दिल्ली में कई स्थानों पर दबिश के बावजूद वारदात के छठे दिन रविवार को भी विशाल का पता नहीं लगा। भदैनी के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी की गोली मार कर हत्या की गई है। पांचों का शव उनके मकान में गत पांच नवंबर को मिला था। राजेंद्र पर उसके छोटे भाई व उसकी पत्नी, पिता और चौकीदार की हत्या का आरोप था।
राजेंद्र के छोटे भाई कृष्णा का बड़ा बेटा विशाल वारदात के बाद से लापता है। जबकि, वह चार जून को राजेंद्र के घर के आसपास ही देखा गया था। उससे पहले उसने अपनी दादी शारदा देवी को कहा था कि वह बड़े पापा की हत्या दीपावली पर ही करेगा। पुलिस ने दिल्ली में रहने वाली उसकी बहन और बहनोई से संपर्क किया। पुलिस को पता लगा कि बहन गर्भवती है। बहनोई ने बताया कि वह गारमेंट्स का काम करते हैं। विक्की ने आखिरी बार अक्तूबर में अपनी बहन के लिए प्रसाद भिजवाया था। विक्की की बहन से भी उसकी खास बातचीत नहीं होती थी। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि पुलिस की 10 टीमें विक्की की तलाश में लगी हैं। उसके गिरफ्त में आते ही वारदात की गुत्थी सुलझने में देरी नहीं लगेगी।
गत चार नवंबर की भोर में राजेंद्र के घर से कुछ दूरी पर चार युवक सामान लेकर जाते हुए सीसी कैमरे में कैद हुए थे। पुलिस उनकी खोजबीन करते हुए उन्हें मुंबई से वापस लाई। पूछताछ में चारों ने बताया कि वह पूजा-पाठ का काम करते हैं। पांच नवंबर की सुबह उन्हें मुगलसराय से मुंबई के लिए ट्रेन में सवार होना था। पुलिस ने चारों की हर तरह से तस्दीक कराई और पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया। उन युवकों में से एक ने पुलिस को बताया कि नीतू आंटी ही रोजाना सुबह पांच बजे अपने घर का पंप वाला मोटर स्टार्ट करती थी।
पुलिस का मानना है कि विक्की वारदात को अकेले भी अंजाम दे सकता है। इसके लिए उसने दो असलहे का इंतजाम किया होगा। कारण कि भदैनी स्थित राजेंद्र के घर पर बाहरी आदमी आते तो इलाके के किसी न किसी व्यक्ति की नजर जरूर पड़ी होती। नीतू की सहेली शिल्पी ने पुलिस को बताया कि विक्की के खाते में प्रतिमाह उसकी बड़ी मां 10 हजार रुपये भेजती थी। नीतू कहती थी कि विक्की साफ्टवेयर डेवलपर का काम फ्रीलांसिंग में करता है। इसलिए उसको बहुत पैसे नहीं मिल पाते हैं। पुलिस की जांच में भी सामने आया कि सितंबर महीने तक नीतू ने विक्की के खाते में प्रतिमाह 10 हजार भेजा था।
वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से पांच नवंबर को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी।
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। जानकारी के अनुसार, भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे।
मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नमनेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी। वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र पर उसके पिता व एक चौकीदार के साथ ही छोटे भाई व छोटे भाई की पत्नी की हत्या का आरोप था। ये घटना वर्ष 1997 की है। इसी आरोप में राजेंद्र जेल भी गया था। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी। हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई साल से पश्चिम बंगाल के आसनसोल रहती है।