*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 26/08/2024, सोमवार*
*अष्टमी, कृष्ण पक्ष,*
*भाद्रपद*
(समाप्ति काल)
तिथि————अष्टमी 26:19:06 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——— कृत्तिका 15:54:16
योग———- व्याघात 22:15:25
करण———– बालव 14:54:45
करण———– कौलव 26:19:06
वार———————– सोमवार
माह———————- भाद्रपद
चन्द्र राशि—————— वृषभ
सूर्य राशि—————— सिंह
रितु————————- शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर———————-क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:56:32
सूर्यास्त—————- 18:44:48
दिन काल————- 12:48:15
रात्री काल————- 11:12:12
चंद्रास्त—————- 12:52:59
चंद्रोदय—————- 23:21:11
लग्न—-सिंह 9°4′ , 129°4′
सूर्य नक्षत्र——————– मघा
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया—————— लोहा
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
उ—- कृत्तिका 10:03:42
ए—-कृत्तिका 15:54:16
ओ—- रोहिणी 21:46:51
वा—- रोहिणी 27:41:28
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= सिंह 09°05, मघा 3 मू
चन्द्र= वृषभ 04°30 , कृतिका 3 उ
बुध =कर्क(व०)27°53′ अश्लेषा 4 डो
शु क्र= कन्या 01°05, उ o फाo’ 2 टो
मंगल=वृषभ 29°30 ‘ मृगाशीर्षा’ 2 वो
गुरु=वृषभ 24°30 मृगशिरा , 2 वो
शनि=कुम्भ 22°10 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 14°10 उo भा o, 4 ञ
केतु= (व)कन्या 14°10 हस्त 2 ष
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 07:33 – 09:09 अशुभ
यम घंटा 10:45 – 12:21 अशुभ
गुली काल 13:57 – 15: 33अशुभ
अभिजित 11:55 – 12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 12:46 – 13:38 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:20 – 16:11 अशुभ
प्रदोष 18:45 – 21:01 शुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:57 – 07:33 शुभ
काल 07:33 – 09:09 अशुभ
शुभ 09:09 – 10:45 शुभ
रोग 10:45 – 12:21 अशुभ
उद्वेग 12:21 – 13:57 अशुभ
चर 13:57 – 15:33 शुभ
लाभ 15:33 – 17:09 शुभ
अमृत 17:09 – 18:45 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 18:45 – 20:09 शुभ
रोग 20:09 – 21:33 अशुभ
काल 21:33 – 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 – 24:21* शुभ
उद्वेग 24:21* – 25:45* अशुभ
शुभ 25:45* – 27:09* शुभ
अमृत 27:09* – 28:33* शुभ
चर 28:33* – 29:57* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 05:57 – 07:01
शनि 07:01 – 08:05
बृहस्पति 08:05 – 09:09
मंगल 09:09 – 10:13
सूर्य 10:13 – 11:17
शुक्र 11:17 – 12:21
बुध 12:21 – 13:25
चन्द्र 13:25 – 14:29
शनि 14:29 – 15:33
बृहस्पति 15:33 – 16:37
मंगल 16:37 – 17:41
सूर्य 17:41 – 18:45
🚩होरा, रात
शुक्र 18:45 – 19:41
बुध 19:41 – 20:37
चन्द्र 20:37 – 21:33
शनि 21:33 – 22:29
बृहस्पति 22:29 – 23:25
मंगल 23:25 – 24:21
सूर्य 24:21* – 25:17
शुक्र 25:17* – 26:13
बुध 26:13* – 27:09
चन्द्र 27:09* – 28:05
शनि 28:05* – 29:01
बृहस्पति 29:01* – 29:57
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
सिंह > 04:18 से 06:40 तक
कन्या > 06:40 से 08:50 तक
तुला > 08:50 से 11: 02 तक
वृश्चिक > 11:02 से 13:24 तक
धनु > 13:24 से 15:30 तक
मकर > 15:30 से 18:22 तक
कुम्भ > 18:22 से 18:50 तक
मीन > 18:50 से 20:18 तक
मेष > 20:18 से 21:50 तक
वृषभ > 21:50 से 00:04 तक
मिथुन > 00:04 से 02:06 तक
कर्क > 02:06 से 04:22 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 8 + 2 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत*
*रोहिणी व्रत*
*सर्वार्थ सिद्धि योग 15:54 से*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
वाचा शौचं च मनसः शौचमिन्द्रियनिग्रहः ।
सर्वभूते दया शौचमेतच्छौचं परार्थिनाम् ।।
।। चा o नी o।।
यदि आप दिव्यता चाहते है तो आपके वाचा, मन और इन्द्रियों में शुद्धता होनी चाहिए. उसी प्रकार आपके ह्रदय में करुणा होनी चाहिए.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: राजविद्याराज ह्य योग अo-09
अहं क्रतुरहं यज्ञः स्वधाहमहमौषधम् ।,
मंत्रोऽहमहमेवाज्यमहमग्निरहं हुतम् ॥,
क्रतु मैं हूँ, यज्ञ मैं हूँ, स्वधा मैं हूँ, औषधि मैं हूँ, मंत्र मैं हूँ, घृत मैं हूँ, अग्नि मैं हूँ और हवनरूप क्रिया भी मैं ही हूँ॥,16॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐅सिंह
किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। राजभय रहेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। सही काम का भी विरोध हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें।
🙍♀️कन्या
कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है।
⚖️तुला
मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है या समय पर नहीं मिलेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यश बढ़ेगा।
🦂वृश्चिक
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी। चिंता रह सकती है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।
🏹धनु
पुराना रोग उभर सकता है। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊मकर
व्यवसाय में ध्यान देना पड़ेगा। व्यर्थ समय न गंवाएं। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। थकान रहेगी। कुसंगति से बचें। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🍯कुंभ
घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। शत्रुभय रहेगा।
🐟मीन
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यापार में लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद में न पड़ें। अपेक्षाकृत कार्य समय पर होंगे। प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यस्तता रहेगी। प्रमाद न करें।
*🚩आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को आ० पंअच्युतानन्द त्रिपाठी की ओर से कोटि कोटि शुभकामना एवं अनंत बधाई, आपका दिन शुभ मंगलमय हो🚩*
*🛕जय श्री राम🙏*
*💐पत्नी का सम्मान💐*
ग्रामीण बैंक में मैनेजर की पोस्टिंग होने के बाद पहली बार विजय किराए के नए घर में शिफ्ट हुआ था. पर आज ही सीढ़ियों से फिसलने के कारण रागिनी के पैरों में जबरदस्त मोच आ गयी थी. डॉक्टर ने घर पर आकर पट्टियाँ तो बाँध दी. साथ ही साथ सख्त हिदायत दे दीं कि चलना फिरना बिल्कुल मना है।
एक सप्ताह पहले आये नए घर के आस पास कोई जान पहचान के लोग भी नहीं थे. ये तो बहुत अच्छी बात रही कि पिछले कुछ दिनों में रागिनी ने किचन के साथ साथ पूरे घर को व्यवस्थित कर लिया था।
चार साल पहले विजय और रागिनी की परिवार वालों की सहमति से अर्रेंज मैरेज हुई थी. रागिनी खुद भी पढ़ने में काफी तेज थी और पढ़ लिख कर जीवन मे कुछ बनना चाहती थी. लेकिन पापा को कैंसर का पता चला और उसी वक़्त विजय के यहाँ से रिश्ता आया तो मजबूरी के चलते शादी करनी पड़ी।
शादी के बाद रागिनी पूरी तरह से ससुरालवालों की खुशियों के लिए खुद को न्योछावर कर दी. वो पूरी तरह से आदर्श बहू बन गयी. ससुराल में सब उसकी तारीफ करते नहीं थकते थे. उसके व्यवहार ,कार्यकुशलता से सभी प्रभावित थे।
कुछ ही दिनों में उसने अपने ससुराल की काया बदल कर रख दी थी. पहले हर चीज जैसे तैसे होती थी. अब हर चीज साफ सुथरी और व्यवस्थित रहने लगी. खाना भी वो बड़े जतन से बनाती थी. हर लोग उसके बनाये लजीज खाने की खूब तारीफ करते. सिवाय उसके पति विजय के।
विजय को जरा भी खाने में नमक कम या ज्यादा लगता या मसाला कम होता तो वो एक कोर खाना खाकर छोड़ देता था। परसों खीर में थोड़ी चीनी कम क्या हुई? रागिनी के लाख मिन्नतों के बाद भी उसने खाने को दुबारा हाथ तक नहीं लगाया।
सबसे ज्यादा विजय को मटर पनीर पसंद थी. कुछ दिनों पहले जब मटर पनीर बनी और मटर थोड़ी गल गयी तो भी विजय ने खाना नहीं खाया. जबकि घर के सभी सदस्यों ने खूब मजे से खाये।
रागिनी के लाख मिन्नतें करने और मनाने के बाद भी विजय खाना नहीं खाता था और विजय जब भूखा सो जाता तो रागिनी भी भूखी सो जाती थी. महीने में कई बार ऐसा होता था. अब पहली बार विजय नौकरी के लिए घर से दूर आया था।
रागिनी को पलँग पर अच्छे से सुलाकर विजय आज जिंदगी मे पहली बार खाना बनाने के ख्याल से घुसा. किचन में हर चीज रागिनी ने व्यवस्थित रखा था।विजय ने एक तरफ थोड़ा सा चावल गैस चूल्हे पर चढ़ा दिया और दूसरी तरफ थोड़ी सी दाल एक पतीले में चढ़ा दी।
फिर वो थोड़े आलू प्याज लेकर भुजिया काटने लगा. काफी मेहनत के बाद बहुत ही बेतरतीब ढंग से आलू और प्याज कटे. उसे आभास होने लगा था खाना बनाने में बहुत मेहनत लगती है. दो घंटे की मेहनत के बाद उसने किसी तरह खाना बनाने में सफलता पाई।
एक थाली में भात और कटोरी में दाल और प्लेट में भुजिया लेकर वो पलँग पर रागिनी को अपने हाथों से खाना खिलाने लगा. वो कोर कोर रागिनी को खाना खिलाता जाता था और रागिनी बड़े आराम से खुशी-खुशी खाना खाती जाती थी।
खाना खत्म होने के बाद विजय ने रागिनी से पूछा कैसा लगा खाना? रागिनी ने कहा बहुत अच्छा।मैं कितनी खुशनसीब हूँ आज जिन्दगी में पहली बार पति के हाथों बना गरमागरम खाना खाने को मिला। विजय से सुनकर बहुत खुश हुआ। आखिर दो घंटे कड़ी मेहनत करके उसने खाना बनाया था।
खाने की तारीफ सुनकर वह फूला न समाया. उसे लगा उसकी मेहनत सफल रही। रागिनी को खाना खिलाने के बाद वो खुद खाना खाने बैठा. उसे जोरों की भूख लगी थी. दाल भात मिलाकर थोड़ी भुजिया का कोर बनाकर जैसे ही मुँह में डालकर विजय ने चबाना शुरू किया. तेजी से बेसिन की तरफ दौड़ा और मुँह का सारा खाना बेसिन में उगल दिया।
चावल अधपका था।दाल में नमक बहुत ज्यादा था। भुजिया भी कच्चा था। ऐसा घटिया खाना रागिनी ने बिना कोई शिकवा शिकायत के खा लिया। सिर्फ इसलिए कि मैंने इतनी मेहनत से बनाया था।छोटी-छोटी बात पर पिछले सारे खाना न खाने वाले वक़्त की उसे याद आने लगी।
उसके दोनों आँखों से आँसू निकल पड़े।अपने बनाये जिस जिस खाने को वो एक कोर भी न खा सका। रागिनी ने बिना कुछ कहे पूरे खाने को खा लिए। विजय रागिनी के सामने सर झुकाए हाथ जोड़े धीरे से बोला- “पिछले चार सालों में कई बार खाना न खाकर मैंने तुम्हारा जो अपमान किया. आज खाना खाकर तुमने मेरा कितना बड़ा सम्मान किया मुझे माफ कर दो।
रागिनी ने मुस्कुराते हुए कहा, दूध गर्म कर चूड़ा के साथ आज खा लीजिए. एक दो दिनों में मैं ठीक हो जाऊँगी. फिर आपको कभी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा।
इसके बाद कोई भी ऐसा वक़्त नहीं आया. जब रागिनी का बनाया खाना विजय ने खुशी खुशी न खाया हो. एक बार खाना बनाने में लगी मेहनत ने विजय पत्नी का सम्मान करना सीख गया था।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*
देव भूमि जे के न्यूज की ओर से आप सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं मंगल कामनाएं।