देहरादून। पहली जुलाई से देशभर में लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए उत्तराखंड की तैयारी पूरी हो चुकी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के साथ नए कानूनों को लागू करने से पहले सभी राज्यों के स्तर पर अब तक की तैयारी के बारे में प्रगति जानी।
एक जुलाई से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023 लागू होने हैं। सीएस ने कहा, कानूनों की जानकारी के संबंध में सभी प्रशिक्षण 20 जून तक पूरे हो जाएंगे। सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर अपडेट का प्रशिक्षण भी 31 मई तक पूरा हो जाएगा।
नए आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद प्रशिक्षण संस्थानों से समन्वय बनाते हुए राज्य के 50 अधिकारियों को गाजियाबाद, जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया। बताया, 18 अन्य अधिकारियों को भी मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग दी गई। साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने हस्त पुस्तिका तैयार की है। इसके आधार पर सारे कोर्स का संचालन किया जा रहा है। इसमें वृहद कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि तैयार की गई है। हस्त पुस्तिका की 25 हजार प्रतियां पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बांटी गई है। ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए तीन मॉड्यूल तैयार किए जा रहे हैं।
बताया, कम समय को देखते हुए प्रशिक्षण को जिला स्तर तक विकेंद्रित किया गया है। सभी मास्टर ट्रेनर और अभियोजन अफसरों की संयुक्त टीम ऑफलाइन मोड में सिविल पुलिस के विवेचना अधिकारियों को ट्रेनिंग दे रही हैं। ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है, उन्हें ऑनलाइन मोड में प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके लिए ऑनलाइन माड्यूल तैयार किया जा रहा है।
बताया, यह मॉड्यूल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित है। इस माह के अंत तक केंद्र सरकार के बनाए गए आई गॉट कर्मयोगी पोर्टल पर चलाया जाएगा। इसके बाद सभी कर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए एक माह का समय दिया जाएगा। कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल को चारधाम यात्रा के दृष्टिगत करीब 20 दिन का समय दिया जाएगा।
कहा, वे पोर्टल पर उपलब्ध 18 लेक्चर माड्यूल का अध्ययन कर टेस्ट देने के बाद प्रशिक्षित हो जाएंगे। नागरिक पुलिस व पीएसी के 1000 रिक्रूट आरक्षियों को तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके लिए लगभग 500 मुख्य आरक्षियों को प्रमोशन के लिए भी नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है। सभी आईपीएस अधिकारियों व पुलिस कप्तानों को भी दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
बताया, ऑफलाइन ट्रेनिंग चार चरण में पूरी होनी थी, जिसमें अभी तक तीन चरण पूरे हो चुके हैं। बागेश्वर, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में यह ट्रेनिंग समाप्त भी हो चुकी है। पिचहत्तर प्रतिशत ऑफलाइन मोड का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। अगले एक हफ्ते में ऑफलाइन प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। आई गॉट कर्मयोगी पोर्टल पर सभी पुलिस कर्मियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
भारतीय न्याय संहिता में छोटे और बड़े 190, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 बदलाव किए गए हैं। नए कानूनों को सभी पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षण का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। लगभग 25,000 पुलिस बल का ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में प्रशिक्षण प्रस्तावित है।