देहरादून। राजधानी देहरादून जयश्री राम के जयकारों से गूंज उठी। शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। वहीं देहरादून सहित प्रदेशभर के अलग-अलग हिस्सों में सुंदरकांड पाठ किया गया। हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिरों में भव्य सजावट की गई। शहर में कई स्थानों पर शोभायात्रा निकाली गई तो मंदिरों में सुंदरकांड के पाठ के साथ ही अन्य धार्मिक आयोजन किए गए। शहर में कई जगह भंडारे भी लगाए गए।
मंगलवार को राजधानी दून में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। झाझरा के श्रीबालाजी धाम में सवा 11 मन का लड्डू बनाकर भोग लगाया गया। इसके साथ ही यहां हनुमानजी को सोने का चोला चढ़ाया गया। दून के श्रीपृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में हनुमानजी की पूजा की गई। इसके अलावा मंदिर में विराजमान पंचमुखी सिंदुरिया हनुमानजी को चांदी का चोला चढ़ाया गया।
यहां हनुमान जी को 51 किलो तिरंगा लड्डू का भोग लगाया गया। प्रेमनगर के श्रीसनातन धर्म मंदिर में हनुमान जी को नया चोला पहनाया गया। इसके बाद बेसन और बूंदी के लड्डू का भोग लगाया गया। वहीं यमुनोत्री धाम में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर हनुमान मंदिर के पुजारी भरत महाराज की अगुवाई में पूजा अर्चना कर कीर्तन भजन किए गए। कर्णप्रयाग में भी हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर झांकी निकाली गई। मंदिरों और घरों में सुंदरकांड पाठ किया गया।
ग्राम धोलास स्थित श्रीधोलेश्वर महादेव मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर सुंदरकांड का पाठ किया गया। यहां आचार्य डॉ. बिपिन जोशी के सानिध्य में पंडित कमल जोशी ने पूजा कराई। इससे पहले मंदिर में स्थापित दक्षिणमुखी श्रीहनुमान जी को सिंदूर का चोला अर्पित किया और नए वस्त्र-आभूषण धारण कराए गए। शिवसेना की ओर से नेहरू ग्राम में शोभायात्रा निकाली गई। इसमें शिवसैनिकों ने जयश्रीराम के जयकारे लगाए।
हनुमान जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर दून के जामुनवाला में स्थित एकादशमुखी हनुमान मंदिर में सुंदरकांड का पाठ किया गया। यहां इससे पहले पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद शाम को सुंदरकांड का पाठ शुरू हुआ। सुंदरकांड के पाठ के बाद मंदिर में आरती की गई। इसके बाद भक्तों को प्रसाद बांटा गया।
टपकेश्वर महादेव मंदिर में दक्षिणमुखी श्री हनुमान जी की 365 क्विंटल की आशीर्वाद मुद्रा वाली प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के संस्थापक आचार्य डॉ. बिपिन जोशी ने बताया कि इस प्रतिमा को बनाने में एक साल का समय लगा। प्रतिमा के अंदर भोजपत्र में लिखे सवा लाख राम नाम भी समर्पित किए गए हैं। हनुमान जन्मोत्सव पर इस 31 फीट की हनुमानजी की प्रतिमा का फूलोंं से अभिषेक किया गया।