देहरादून। श्रीदरबार साहिब में 348 साल से लगातार साझा चूल्हा जल रहा है। इसकी आंच में पके भोजन को एक ही छत के नीचे कई श्रद्धालु रोजाना भोजन करते हैं। साझा चूल्हे की स्थापना श्रीगुरुरामराय महाराज ने सन् 1676 में की थी। सिखों के सातवें गुरु हरराय महाराज के पुत्र श्रीगुरुरामराय महाराज सन् 1667 में दून आए थे।
उसी वर्ष उन्होंने श्रीदरबार साहिब की स्थापना की। माना जाता है कि उस समय दून छोटा-सा गांव था तो मेले में आने वाले भक्तों के लिए यहां खाने की बड़ी समस्या रहती थी। इसे देखते हुए सन् 1676 में श्रीगुरुरामराय महाराज ने दरबार साहिब के आंगन में साझा चूल्हे की स्थापना कर दी।
श्रीगुरुरामराय ने तय किया कि श्रीदरबार साहिब की चौखट पर आए किसी भी व्यक्ति को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। सन् 1676 से लेकर आज तक श्रीदरबार साहिब में पहुंचे हर व्यक्ति को भोजन मिलता आ रहा है। होली के पांचवें दिन चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को श्रीगुरुरामराय महाराज का जन्मदिन और उनका दून में आगमन भी माना जाता है।