देहरादून। फर्म के नाम में बदलाव और फर्जी फर्म बनाकर यूपीसीएल को 86 लाख रुपये का चूना लगाने वाले ठेकेदार और उसकी पत्नी व बेटी के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपी की पत्नी और बेटी भी एक फर्म में साझेदार थी। आरोपी की कंपनियां ट्रांसफार्मर ठीक करने का काम करती थी। इसके लिए उसने कर्मचारियों के हस्ताक्षर भी फर्जी किए। वसंत विहार पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
मामले में शिकायत ठेकेदार के दामाद नवनीत कौशिक निवासी शिमला रोड ने ही की है। कौशिक का कहना है कि उनका विवाह 2010 में पारुल शर्मा पुत्री महेश शर्मा निवासी विजय पार्क एक्सटेंशन, वसंत विहार के साथ हुआ था। उस वक्त उनकी सास सुधा शर्मा और पत्नी पारुल शर्मा की साझेदारी में एसजी इलेक्ट्रिकल्स नाम की फर्म चलाती थीं।
इसके साथ ही उनके ससुर महेश शर्मा जीपी इलेक्ट्रिकल्स नाम की फर्म के अकेले मालिक थे। इन दोनों फर्म में वह नौकरी करते थे। वर्ष 2014 में महेश शर्मा ने जीपी इलेक्ट्रिकल्स नाम की फर्म के नाम से ट्रांसफार्मर ठीक कराने का ठेका यूपीसीएल से हासिल किया। इसी दौरान उसने यह फर्म दो लोगों को बेच दी और खुद इससे अलग हो गया।
इसके कुछ दिन बाद ही उसने जीपी इलेक्ट्रिकल्स नाम से एक फर्म बनाई, जिसमें पत्नी और बेटी को भी साझेदार बनाया। ट्रांसफार्मर ठीक कराने के का जो बिल यूपीसीएल से मिलता था वह नई वाली जीपी इलेक्ट्रिकल्स के खाते में जमा करा लेता था। इस तरह उसने यूपीसीएल को 86 लाख रुपये का चूना लगाया। यही नहीं उसने जीपी इलेक्ट्रिकल्स नाम से ही 2015 में भी टेंडर हासिल किए। जबकि, इस फर्म को वह 2014 में ही छोड़ चुका था।
इसकी शिकायत कौशिक ने यूपीसीएल को की जिसके बाद विजिलेंस से जांच कराई गई। जांच में सब दोषी पाए गए मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने थाना वसंत विहार में भी शिकायत की और डाक के माध्यम से एसएसपी को भी पत्र भेजा। बावजूद इसके कोई कार्रवाई इस दिशा में नहीं हुई। अब न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम उर्वशी रावत के आदेश पर वसंत विहार पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।