रुद्रपुर। वेतन विसंगति सहित कई मांगों के लिए राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रभारी प्रधानाध्यापकों का कार्यभार छोड़ने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। बीईओ ने छह स्कूलों के प्रभारी प्राध्यापकों का कार्यभार छोड़ने वाले छह शिक्षकों का नवंबर का वेतन रोकने की संस्तुति की है। इसकी प्रतिलिपि सीईओ के साथ ही कोषाधिकारी और उपकोषाधिकारी को की गई है। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद शिक्षकाें का आक्रोश पनप सकता है।
राजकीय शिक्षक संघ के तहत 33 सूत्री मांगों को लेेकर जिले में अधिकतर शिक्षकों ने राइंका और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाचार्य /प्रधानाध्यापकों का कार्यभार छोड़ दिया था। महानिदेशक के बाद निदेशक ने सभी सीईओ को कार्यभार छोड़ने वाले शिक्षकाें के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
हालांकि शिक्षक संघ ने किसी शिक्षक पर कार्रवाई होने पर जवाब देने की बात कही थी लेकिन अब विभाग की ओर से प्रभार छोड़ने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। बीईओ राजेंद्र सिंह ने राउमावि सूर्यनगर, राउमावि भंगा, राउमावि पंतपुरा, राउमावि नगला और राकउमावि शांतिपुरी के प्रभारी प्रधानाध्यापकों का कार्यभार छोड़ने वाले शिक्षकों का नवंबर का वेतन रोकने की संस्तुति की है। इधर, राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व मंडलीय मंत्री नवेंदु मठपाल ने इस आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि प्रांतीय कार्यकारिणी के साथ मिलकर हर उत्पीड़न का जवाब दिया जाएगा।
शिक्षकों के वेतन रोकने का मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है तो, शिक्षकों ने नियमों का निर्वहन नहीं किया होगा। नियमों का पालन न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई होगी.
– डॉ. आरसी आर्या, सीईओ यूएस नगर