देहरादून। उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक 10 हजार से अधिक नाबालिग (बालक एवं बालिकाएं) गुमशुदा हुई हैं। इनमें से पुलिस ने 96 फीसदी नाबालिगों को तलाश कर परिजनों के सुपुर्द किया गया है। यह जानकारी मंगलवार को डीजीपी अशोक कुमार ने ऑपरेशन स्माइल की समीक्षा के बाद दी।
गुमशुदा को तलाशने के लिए ऑपरेशन स्माइल अब एक सितंबर से 31 अक्तूबर के लिए फिर से चलाया जा रहा है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ह्यूमन ट्रैफिकिंग व अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए गुमशुदा लोगों की तलाश में जुटती है। इसके लिए समय-समय पर ऑपरेशन स्माइल चलाया जाता है। इसके तहत 13 जिलों में कुल 26 टीमें बनाई गई हैं।
इनमें एक एसआई और चार कांस्टेबल शामिल होते हैं। डीजीपी ने मंगलवार को पूरे 23 साल में गुमशुदा हुए लोगों और बरामदगी की समीक्षा की। इस दौरान पाया गया कि 31 अगस्त तक 5662 बालक गुमशुदा हुए थे। इनमें से 5437 को बरामद कर लिया गया है। इसके साथ ही 4896 बालिकाएं लापता हुईं थीं। इनमें से पुलिस ने 4705 को ढूंढ निकाला है।
वहीं 12701 महिलाएं गायब हुई थीं, जिनमें से 11399 को ढूंढा जा चुका है। पुरुषों में यह प्रतिशत कुछ कम है। 13784 लापता पुरुषों में से 11174 पुरुष खोज लिए गए। उन्होंने बताया कि एक सितंबर से फिर ऑपरेशन स्माइल शुरू कर दिया गया है। एक सितंबर से अब तक 568 गुमशुदा लोगों को बरामद किया जा चुका है। ऑपरेशन स्माइल की शुरूआत 2015 में की गई थी। इसके तहत अब तक 3823 को बरामद किया जा चुका है।