मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिजनौर के बाद मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ पहुंचे हैं। सीएम योगी अक्षय वट वृक्ष की परिक्रमा के बाद सभास्थल पर पहुंचे। इस दौरान सीएम योगी ने जिले में 244 करोड़ रुपये की 77 परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
सीएम योगी ने तीर्थ में गंगा का पानी लाने की योजना का बटन दबाकर शुभारंभ किया। इस दौरान वीडियो के जरिए ले-आउट का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री मंच पर पहुंच गए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल्द ही शुकतीर्थ विकास परिषद का गठन होगा। तीर्थ विकास में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। 2014 से पहले की सरकारों ने विकास पर ध्यान नहीं दिया। पहले की सरकारों ने आस्था का सम्मान नहीं किया। पलायन हो रहे थे और किसानों का भी सम्मान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है। बेटियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले रसातल में भेज दिए जाएंगे।
सीएम योगी ने कहा कि विकास परिषद के गठन से तीर्थ क्षेत्र में विकास होगा। इस पर कार्य अंतिम चरण में चल रहा है और जल्दी घोषणा की जाएगी। भाजपा सरकार ने तीर्थ में गंगा का पानी लाने की पुरानी घोषणा को पूरा कर दिया है। जनप्रतिनिधियों की ओर से प्रस्तावित 244 करोड़ की 77 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि वोट बैंक की चिंता करने वालों की सरकार में किसान सुरक्षित नहीं थे। जंगल से किसानों के इंजन चोरी कर दिए जाते थे। लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार सर्व समाज को साथ लेकर चल रही है।
सीएम ने प्रत्येक व्यक्ति को पौधरोपण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि फलदार पौधे लगाने का मतलब मां के ऋण से उऋण होने जैसा है। प्रत्येक व्यक्ति एक पौधा जरूर लगाएं। 100 साल पुराने पौधों को विरासत वृक्ष के रूप में सहेजने का काम करें।
सीएम योगी और मंत्री स्वतंत्र देव सिंह शुकतीर्थ के स्वामी कल्याण देव हेलीपैड पर उतरे। इस दौरान भाजपा नेता और तीर्थ के संत ने उनका अभिनंदन किया। शुकदेव परिसर में पंचवटी वाटिका में पांच पौधों का रोपण कर मुख्यमंत्री सीधे शुकदेव आश्रम पहुंचे। इसके बाद ब्रह्मलीन संत के समाधि मंदिर पर पीठाधीश्वर स्वामी ओमानन्द महाराज के साथ श्रद्धांजलि अर्पित कर अक्षय वट की परिक्रमा और शुकदेव मंदिर में पूजन किया।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के लिए भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम में तीर्थ जीर्णोद्धारक, शिक्षा ऋषि वीतराग स्वामी कल्याणदेव के समाधि मंदिर को फूलों से सजाया गया था।