देहरादून। प्रदेश में 2123.6 मेगावाट क्षमता की 21 जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण शुरू करने के उत्तराखंड के अनुरोध पर जल शक्ति मंत्रालय ने अडंगा लगा दिया है। अब पीएमओ सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट बॉडी-2 की रिपोर्ट व मंत्रालयों के जवाब के आधार पर इस मामले में निर्णय लेगा।
प्रदेश में करीब 40 नई प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर लंबे समय से रोक लगी हुई है। इन परियोजनाओं को शुरू करने की कवायद लगातार चल रही है। इनमें से 11 जल विद्युत परियोजनाएं तो ऐसी हैं, जिन पर कोई विवाद नहीं है। 10 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट बॉडी-2 ने हरी झंडी दिखाई थी। कुल मिलाकर 21 परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक हुई।
बैठक में ऊर्जा मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय वन एवं जलवायु पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने प्रदेश में बिजली जरूरतों के मद्देनजर 2123.6 मेगावाट की 21 जल विद्युत परियोजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण से प्रदेश में बिजली किल्लत दूर होने के साथ ही राजस्व बढ़ोतरी भी होगी।
जानकारी के मुताबिक, ऊर्जा मंत्रालय ने उत्तराखंड के प्रस्ताव को समर्थन दिया लेकिन जल शक्ति मंत्रालय ने नदियों के प्रवाह संबंधी कई मसलों को लेकर इसमें अड़ंगा लगा दिया। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम से बताया कि फिलहाल पीएमओ ने सभी पक्षों को ले लिया है। इसी हिसाब से अब पीएमओ इस पर निर्णय लेगा। उन्होंने इन परियोजनाओं के निर्माण के सकारात्मक संकेत दिए।