भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं के कपड़ों पर ऐसा बयान दिया था जिसकी चर्चा खूब हो रही है। अब कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर मध्य प्रदेश की मंत्री उषा ठाकुर का भी बयान सामने आया है। अपने बयान में उषा ठाकुर ने कहा कि हमारे वस्त्र इतने शालीन और सभ्य होने चाहिए कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर हमें देखकर किसी के भी मन में कोई दुर्भावना जन्म ना ले। उन्होंने कहा कि यदि कोई वैदिक सत्य सनातन परंपराओं का पालन नहीं कर रहा, उससे विपरीत दिशा में जाता है तो वे राक्षसी वृत्ति का द्योतक कहलाएगा।
विजयवर्गीय ने भगवान हनुमान और महावीर की जयंती के अवसर पर गुरुवार को इंदौर में आयोजित एक धार्मिक समारोह में कहा था कि जब मैं रात में बाहर जाता हूं और युवाओं को नशे में देखता हूं, तो उन्हें शांत करने के लिए मुझे पांच-सात [थप्पड़] देने का मन करता है। मैं सच कह रहा, भगवान की कसम। भाजपा नेता ने आगे कहा कि और लड़कियां ऐसे गंदे कपड़े पहनती हैं… हम महिलाओं को देवी मानते हैं… उनमें इसका कोई निशान नहीं है। वे शूर्पणखा जैसी दिखती हैं। भगवान ने तुम्हें अच्छा शरीर दिया है, अच्छे कपड़े पहनो। कृपया अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। मैं बहुत चिंतित हूं। बच्चों में आप संस्कार डालिए।
विजयवर्गीय की टिप्पणियों पर विपक्ष उनपर हमलावर हो गया है तो वहीं, सोशल मीडिया पर उनकी तीखी आलोचना हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अक्सर अपने बयान की वजह से विवादों में फंसते रहते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि भाजपा नेता बार-बार महिलाओं को अपमानित करते हैं। यह उनकी सोच और उनके रवैये को दर्शाता है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का महिलाओं को शूर्पणखा कहना और उनके पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना स्वतंत्र भारत में अनुचित है। भाजपा माफी मांगें।