रानीखेत (अल्मोड़ा)। न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवानी नाहर की अदालत ने सात साल पुराने मामले में रानीखेत नानीसार में जिंदल इंटरनेशनल स्कूल (हिमांशु एजुकेशन सोसायटी) के निदेशक प्रतीक जिंदल को अर्थदंड और जुर्माना न देने पर एक माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर गैरजमानती वारंट जारी करने के भी आदेश भी दिए हैं।
पीड़ित पक्ष (परिवादी) काॅलोनाइजर गुड़गांव हरियाणा के चीफ आपरेटिंग अधिकारी बादल दत्त शर्मा ने कहा है कि 2015 में मैसर्स डीएसजे इंफ्रा प्रोजेक्ट डीएलएफ टावर शिवाजी मार्ग नई दिल्ली के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल जिंदल ने रानीखेत तहसील के डीडा राजस्व क्षेत्र स्थित नानीसार में इंटरनेशनल स्कूल के निर्माण का कार्य दिया था। इस बीच कुछ कार्य चला, वहां मशीनें और तमाम निर्माण सामग्री भी पहुंचाई गई।
2016 में जब उन्हें सूचना मिली कि नानीसार में कार्य कर रहे मजदूरों और अन्य स्टाफ को बाहर निकाल दिया गया है तो वह अपने अपने हेड एकाउंटेंट सुधीर शर्मा, महेश कुमार और रामलाल को लेकर नानीसार गए। बकौल बालादत्त जब उन्होंने हिसाब मांगा और मजदूरों को निकालने की बात पूछी तो कंपनी मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल और निदेशक प्रतीक जिंदल भड़क गए और गालीगलौज और मारपीट पर उतारू हो गए। उन्होंने जान से मारने की धमकी दे डाली।
निर्माण में लगी मशीनरी को अपने कब्जे में ले लिया और उन लोगों के साथ धक्का मुक्की कर उन्हें नानीसार से बाहर कर दिया और उत्तराखंड से भी बाहर निकालने की चेतावनी दी। इस मामले में वह पुलिस और प्रशासन के पास गए, लेकिन जब कहीं से सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। इसी बीच अनिल जिंदल की मृत्यु हो गई। प्रतीक के विरुद्ध धारा 352, 427, 504 व 506 के तहत मुकदमा चला।
इस दौरान बादल दत्त, सुधीर व महेश कुमार न्यायालय में साक्षी के रूप में उपस्थित हुए। परिवादी शर्मा के अधिवक्ता राजेश रौतेला ने अदालत में ठोस दलील दी। न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवानी नाहर ने सुनवाई के बाद प्रतीक जिंदल को दोषी पाते हुए 18500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है साथ ही दोष सिद्ध अभियुक्त के अदालत में पेश नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी करने के निर्देश भी दिए हैं।