देहरादून। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की कनिष्ठ सहायक परीक्षा में पेपर के चारों सेट में प्रश्नों के क्रमांक एक समान होने पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने सवाल उठए हैं। संघ का आरोप है कि विशेष व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया है जबकि आयोग का कहना है कि क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा। कहीं भी अनियमितता या नकल का मामला सामने नहीं आया है।
रविवार को परीक्षा संपन्न होने के बाद बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि इतिहास में पहली बार एक परीक्षा के अलग-अलग पेपर सेट में सवाल नंबर एक से 100 तक समान क्रम में आए हैं। प्रश्नों के उत्तरों की शृंखला भी समान थी। उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई जगह पर प्रश्न पत्रों की सील टूटी होने के भी साक्ष्य मिले हैं।
बताया कि एक अभ्यर्थी ने उन्हें बताया कि उसके आगे वाली सीट पर बैठे अभ्यर्थी की ऑप्टिकल मार्क रीडर (ओएमआर) की छायाप्रति नहीं थी। कई अभ्यर्थियों के प्रश्न पुस्तिका क्रमांक तथा उत्तर पुस्तिका क्रमांक अलग-अलग थे, जो कि हमेशा समान होते हैं। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष, सचिव से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की। इस दौरान नितिन दत्त, रमेश चौहान, सुशील कैंतुरा, हिमांशु, सचिन खन्ना, ऋतु परी, मीनाक्षी चौहान, संदीप कंडारी, अमन चौहान, अनिल, नवीन, आयुष राणा, संदीप चौहान आदि मौजूद रहे।
उधर, आयोग के सचिव जीएस रावत का कहना है कि कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा दो घंटे की थी, जिसमें 100 सवाल पूछे गए थे। उन्होंने कहा कि प्रश्नों के क्रमांक की जानकारी परीक्षा सकुशल संपन्न होने के बाद मिली। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रश्नपत्रों की सभी सीरीज में प्रश्नों का क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। परीक्षा के दौरान किसी भी केंद्र पर अनियमितता या नकल संबंधी शिकायत सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र की सीरीज को आधार बनाकर प्रसारित की जा रही सूचनाएं पूर्णत: भ्रामक, निराधार और असत्य हैं।