नासिक और देहरादून के प्रोजेक्ट एक साथ केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजे गए हैं। पीएमओ ने नियो मेट्रो तकनीक का अध्ययन करने और उसे अपग्रेड कराने के लिए साझा तौर पर ऑनलाइन प्रजेंटेशन देखा। इसमें पीएमओ की ओर से कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। बदलावों को प्रोजेक्ट में शामिल कर साझा तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा। जल्द अच्छी खबर मिलेगी।
-जितेंद्र त्यागी, प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन लिमिटेड
देहरादून। देहरादून से दिल्ली पहुंचकर नियो मेट्रो प्रोजेक्ट ने रफ्तार पकड़ ली है। तकनीकी विशेषज्ञों ने अध्ययन के बाद सुझावों के साथ फाइल को पीएमओ के हवाले कर दिया है। इस प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑनलाइन प्रजेंटेशन दिया गया। यहां देहरादून समेत नासिक में सबसे पहले नियो मेट्रो संचालन पर चर्चा हुई।
प्रोजेक्ट प्रजेंटेशन में नियो मेट्रो की तकनीक को यात्रियों के लिए अत्यंत सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया गया। पीएमओ ने नासिक और अन्य शहरों के नियो प्रोजेक्टों को आपस में साझा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। तय हुआ कि कंपाइल प्रोजेक्ट के आधार पर ही अन्य शहरों में भी नियो मेट्रो प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा।
यह पूरी तरह मेक इन इंडिया और कनवर्टिबल मेट्रो प्रोजेक्ट होगा। देहरादून में नियो मेट्रो रेल प्रोजेक्ट संचालित करने के लिए यूकेएमआरसी ने प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को सौंपा। राज्य सरकार ने करीब 1600 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया। यह प्रस्ताव केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में लंबित था।
केंद्र सरकार की ओर से तकनीकी विशेषज्ञों की टीम देहरादून से भेजे गए प्रस्ताव को बेहतर बनाने के लिए रिसर्च कर रही थी। अध्ययन के बाद रिसर्च टीम ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी। इसके साथ ही पीएमओ में नियो मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का ऑनलाइन प्रजेंटेशन दिया गया। नासिक में नियो मेट्रो चलाने का प्रोजेक्ट देहरादून से पहले तैयार हो गया था, वहां की डीपीआर देहरादून के प्रोजेक्ट से पहले ही बन गई थी। इसलिए नासिक के अफसरों ने पीएमओ में प्रजेंटेशन की कमान संभाली।
प्रजेंटेशन के दौरान नासिक समेत देहरादून में नियो मेट्रो को लेकर गंभीर चर्चा हुई। पीएमओ की ओर से साफ किया गया कि नासिक समेत देहरादून में चलने वाली नियो मेट्रो प्रोजेक्ट एक समान होगा। बताया जा रहा है कि अगर पीएमओ से कोई और पूछताछ नहीं हुई तो डीपीआर को मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद टेंडर जारी होंगे और टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही आगे का काम शुरू हो जाएगा।
नियो मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) आईएसबीटी के पास बाजार दर अपनी 14645.48 वर्ग मीटर भूमि देगा।इस पर सहमति बन चुकी है। एमडीडीए के अधीक्षण अभियंता हरिश्चंद्र सिंह के अनुसार इसका प्रस्ताव तैयार है। प्रस्ताव पारित होने के बाद अपर मुख्य सचिव शहरी विकास को सहमति पत्र भेजा जा चुका है। उत्तराखंड मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन लि. (यूकेएमआरसी) को भी इसकी जानकारी पहले ही दे दी गई है।
यह होगा रूट
नियो मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए दो रूटों पर भी सहमति बन चुकी है। पहला रूट आईएसबीटी से घंटाघर होगा। यह रूट साढ़े आठ किमी लंबा होगा। वहीं दूसरा रूट एफआरआई से रायपुर तक होगा। यह रूट 13.9 किमी लंबा होगा और इसमें 15 स्टेशन होंगे।
नियो मेट्रो को जानिए
नियो मेट्रो रेल गाइडेड सिस्टम है। इसमें रबड़ के टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होते हैं। ये कोच स्टील या एल्युमीनियम के बने होते हैं। बिजली जाने पर भी यह 20 किमी तक चल सकेगी। इसमें ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा, जिससे स्पीड नियंत्रण में रहेगी। ट्रैक की चौड़ाई आठ मीटर व स्पीड 70 किमी प्रति घंटा होगी। इसके कोच में 90 से 225 लोग सफर कर सकेंगे। देहरादून में नियो मेट्रो का ट्रैक पूरी तरह से एलिवेटेड होगा।