देहरादून। पुलिस उपाधीक्षक (पुलिस दूरसंचार) बनने के लिए प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता भी जरूरी होगी। साथ ही चिकित्सा परीक्षण भी होगा। ये दोनों प्रावधान अभी तक नहीं थे। सीधी भर्ती के इस पद के लिए शैक्षिक अर्हता इंजीनियरिंग के समकक्ष की गई है। उत्तराखंड पुलिस दूर संचार राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 2023 में यह प्रावधान किया गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नियमावली को मंजूरी दी गई।
नई सेवा नियमावली न होने से अभी तक उप्र पुलिस रेडियो सेवा नियमावली 1979 लागू थी। नई सेवानियमावली में पुलिस उपाधीक्षक पद पर सीधी भर्ती के लिए लिए अब किसी विवि से इलेक्ट्रानिक में एक अनिवार्य विषय के रूप में भौतिकी में स्नातकोत्तर उपाधि या किसी विवि से इलेक्ट्रानिक्स, या इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन या इलेक्ट्रिकल अभियंत्रण या इन्फार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, या इलेक्ट्राक्सि और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि आवश्यक होगी।
इसके अलावा उत्तराखंड प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता एवं चिकित्सा परीक्षा का भी प्रावधान होगा। आयु सीमा 21 से 27 वर्ष के स्थान अब 21 से 35 वर्ष की गई है। अब शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। पुलिस दूरसंचार में पुलिस उपमहानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक के पदों पर लोक सेवा आयोग के माध्यम से पदोन्नति हो जाती थी। लेकिन अब पदोन्नति के लिए राज्य सरकार समिति गठित करेगी।
इन सभी पदों पर पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा का प्रावधान नहीं था। लेकिन नियमावली में पुलिस उपमहानिरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए 20 वर्ष की सेवा, पुलिस अधीक्षक के लिए 12 वर्ष की सेवा और अपर पुलिस अधीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए सात वर्ष की सेवा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कैबिनेट ने उत्तराखंड अन्वेषण प्रक्रिया नियमावली-2022 को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने इसे पूर्व विचलन से अनुमति दे दी थी। इस नीति के तहत जिन वादों में जांच चल रही है, उनकी फोटो और वीडियोग्राफी भी करनी होगी।