केंद्र में गत साढ़े सात वर्षों से सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कई ऐसे काम हो रहे हैं, जिससे ना केवल हमारी सभ्यता-संस्कृति मजबूत हो रही है, बल्कि इन कार्यों से हमारे देश के लोग भी बेहतर महसूस कर रहे हैं। ॐ आकार मंदिर भी इसका एक उदाहरण है, जो अब लगभग बनकर तैयार है।
वाकई मोदी सरकार जिस तरह से सनातनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर ठोस कार्य कर रही है, उसका असर इस सदी के बाद भी रहने वाला है। खासकर धार्मिक पर्यटन के लिहाज से। इतना ही नहीं पीएम मोदी हर समुदाय के लोगों को तवज्जो देते हैं और उनसे कुछ ऐसा ही बेहतर करते रहने की उम्मीद करते हैं।
आपको पता होना चाहिए कि भारत देश के राजस्थान प्रांत के जोधपुर से लगभग 75 किलोमीटर दूर जाडन गांव में एक ओम आकर का शिव मंदिर बन रहा है। क्योंकि हमारे देश-समाज में ॐ महामंत्र की बहुत सारी खासियत है। इस ॐ शब्द से ही अधिकांश मन्त्रों की शुरूआत होती है। इसे नाद ब्रह्म भी कहा जाता है। इसलिए यहां पर हम आपको ॐ नुमा आकर के भव्य व दिव्य मंदिर के निर्माण के बारे में अद्यतन जानकारी देने वाले हैं, ताकि इसमें आपकी भी अभिरुचि बढ़े और हमारी आदि सनातन संस्कृति को देश-विदेश में बढ़ावा मिले।
इस सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश को ‘ॐ’ (ओम-नाद ब्रह्म) का प्रतीक माना जाता है। अब ओम का निराकार स्वरूप धरती पर पहली बार भारत वर्ष के राजस्थान प्रान्त में साकार हुआ है। यहां के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में ओम की आकृति वाला शिव मंदिर लगभग बनकर तैयार है। अवशेष कार्य भी तीब्र गति से पूरे किये जा रहे हैं।
एक स्थानीय नागरिक के मुताबिक, जोधपुर से लगभग 75 किलोमीटर दूर जाडन गांव में एक ओम आकर का शिव मंदिर बन रहा है। जिसकी खासियत यह है कि यदि कोई इस मंदिर को सेटेलाइट या फिर ड्रोन की माध्यम से ऊपर से देखेगा तो यह सृष्टि मूलक ध्वनि ॐ के आकार जैसा दिखेगा। बहरहाल इस दिव्य और भव्य मंदिर को लेकर सबसे ज्यादा चर्चाएं इसके आकार के कारण ही हो रही है।
आप सबको पता है कि महामंत्र ॐ का जाप हर भारतीय सुबह उठकर करते हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव इतना व्यापक है कि अब इसे देश-विदेश के लोग भी करना शुरू कर चुके हैं। अन्य धर्मावलंबियों का आकर्षण भी सनातन सभ्यता-संस्कृति की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि सलीके से जीवन जीने की गूढ़ बातें इससे जुड़े वेद पुराणों आदि में अंतर्निहित हैं। तभी तो इसे आदि धर्म और सृष्टि का मूलाधार समझा जाता है।
ओम आश्रम, जाडन, पाली का निर्माण उत्तर भारत की नागर शैली स्थापत्य कला व वास्तु कला के आधार पर करवाया जा रहा है। तकरीबन आधा किलोमीटर के दायरे में फैले ओम आकृति वाले इस शिव मंदिर का निर्माण कार्य 1995 में शुरू हुआ था। इस मंदिर के शिलान्यास समारोह में देशभर से आये साधु-संतों ने हिस्सा लिया था।
पाली के गांव जाडन स्थित ओम आकृति वाला यह शिव मंदिर चार खंडों में विभाजित है। एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है। वहीं, तीन खंड जमीन के ऊपर हैं। इस चार मंजिला मंदिर इमारत में ॐ आकृति के अग्र, मध्य और नीचे के भाग में बांट कर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इस मंदिर की परिकल्पना स्वामी महेश्वरानंद ने की थी, जिसका निर्माण कार्य इनके अनन्य शिष्य योगेश पुरी के निर्देशन में चल रहा है। इस मंदिर के बीचोंबीच में स्वामी माधवानंद की समाधि है। भूगर्भ में समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं। यह ॐ मंदिर 250 एकड़ में बन रहा है। इस मंदिर की ऊंचाई चार मंजिल है, जिसे बनाने के लिए विगत 26 वर्ष से लगातार काम चल रहा है। अब इसका काम शीघ्र पूरा हो जाएगा।
ओम आश्रम के सचिव स्वामी फूलपुरी के मुताबिक, विश्व के एकमात्र ओम आकृति वाले इस शिव मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस मंदिर में 1008 शिव जी की मूर्तियां लगी हैं। जिसमें आपको 12 ज्योतिर्लिंग देखने को मिलेंगे। इस मंदिर इमारत की लंबाई व चौड़ाई 500 मीटर है, जबकि जमीन से शिखर की ऊंचाई 135 फीट है। इसमें 108 कमरे बने हुए हैं। यह पूरा परिसर 2 हजार स्तंभों पर टिका हुआ है। यहां पर लाइट फिटिंग, पेयजल लाइन आदि के कार्य को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। तकरीबन चार सौ लोग इस निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं।
उन्होंने आगे सगर्व बताया कि जाडन में बन रहा मंदिर भवन ऊँ का निराकार स्वरूप विश्व में पहली बार साकार होने वाला है। इस मंदिर परिसर के बीच में गुरु महाराज स्वामी माधवानंद की समाधि है। वहीं, दूसरी मंजिल पर स्फटिक का शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। जबकि तीसरी मंजिल पर ब्रह्मांड स्वरूप को निखारा जाएगा। आधा किलोमीटर दायरे में निर्मित इस इमारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर की योग यूनिवर्सिटी भी बनेगी। चार मंजिला इस इमारत में स्कूल-कॉलेज भी होंगे। इसका निर्माण विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट की ओर से करवाया जा रहा है। खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर के बंशी पहाड़ के पत्थर का उपयोग किया गया है।
राजस्थान का जाडन आश्रम, पाली से गुजर रहे नेशनल हाई वे 62 पर सड़क किनारे स्थित है। इसका निकटवर्ती एयरपोर्ट जोधपुर है, जो तकरीबन 71 किलोमीटर दूर है। यहां पर ट्रेन के जरिए भी पहुंचा सकता है। दिल्ली से अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेन में मारवाड़ जंक्शन तक का सफर करना होगा। यहां से जाडन 23 किलोमीटर दूर है। पाली-सोजत रूट पर चलने वाली बसों के माध्यम से भी जाडन आश्रम पहुंचा जा सकता है। यदि इस विश्वविख्यात ॐ मंदिर के निर्माण कार्य अवलोकन की तमन्ना आपके दिल में उपजती है तो एक बार अवश्य वहां जाइए।