देहरादून। पेपर लीक मामले में आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के मालिक राजेश चौहान की संपत्तियों को जल्द ही जब्त किया जाएगा। लखनऊ और ठाकुरद्वारा में चौहान की संपत्तियों का आकलन करीब 90 फीसदी पूरा हो गया है। टीमें लगातार संबंधित जिलों के प्रशासन से संपर्क कर रही हैं। इसके अलावा सादिक मूसा और उसके एक दोस्त की संपत्तियों की जांच भी चल रही है।
गौरतलब है कि स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में कुल 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 21 के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। गैंगस्टर एक्ट की धारा 14ए में आरोपियों की अपराध से कमाई गई संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार जिला प्रशासन के पास होता है।
इसके तहत मुख्य आरोपियों में शामिल हाकम सिंह की करीब छह करोड़ रुपये की संपत्ति का आकलन किया गया था। जबकि, कुमाऊं का हाकम कहे जाने वाले चंदन मनराल की भी 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों का आकलन हुआ था। इन्हें जब्त करने की तैयारी की जा रही है।
इसके अलावा गैंगस्टर एक्ट में गैंग का लीडर सादिक मूसा को बनाया गया था। इस मामले में आरएमएस कंपनी का मालिक राजेश चौहान और उसका भाई भी गैंग में शामिल है। सूत्रों के अनुसार तीन टीमें इन आरोपियों की संपत्तियों की जांच भी कर रही हैं।
2015 में इन लोगों की मदद से ही दरोगा भर्ती की ओएमआर शीटों में छेड़छाड़ की गई थी। ऐसे में 2015 को ही पहला अपराध मानते हुए इस दरम्यान अर्जित की गई संपत्तियों को अवैध मानकर जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि इन सभी की संपत्तियों के आकलन का काम लगभग पूरा होने वाला है। जल्द ही इनकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जाएगी।