देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) चार परीक्षाओं के परिणाम अभी तक घोषित नहीं कर पाया है। चार विभागों के 619 पदों के लिए लिखित परीक्षा पिछले वर्ष मार्च से मई के मध्य आयोजित की गई थी। बीते वर्ष अगस्त में आयोग कुछ परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक के मामले में चौतरफा घिर गया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विवादित परीक्षाओं की जांच एसटीएफ से कराने के आदेश दिए। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तो एक के बाद एक आरोपित सलाखों के पीछे जाने शुरू हो गए। परीक्षा में नकल और गिरोह बनाकर पेपर बेचने के आरोप में 55 आरोपित गिरफ्तार किए गए। जिसमें आयोग की भर्ती परीक्षा कराने वाली एजेंसी आरएमएस टेक्नो सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश चौहान समेत चार कर्मचारी शामिल थे।
चौतरफा आलोचना से घिरे यूकेएसएसएससी ने आठ परीक्षाओं की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की। जांच कमेटी ने दिसंबर में अपनी जांच रिपोर्ट आयोग को सौंप दी थी। जांच टीम ने लगभग सभी आठ परीक्षा को क्लीन चिट दे दी। जिसके बाद आयोग ने सबसे पहले एलटी के 1431 सफल अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच प्रारंभ कर नियुक्ति पत्र देने भी प्रारंभ कर दिए।
इसके बाद पुलिस रैंकर्स के सफल 250 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच होगी। लेकिन, आयोग अभी तक कर्मशाला अनुदेशक (157 पद), मत्स्य निरीक्षक (26 पद), मुख्य आरक्षी दूरसंचार (272 पद), वाहन चालक (164 पद) का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पाया है। जिससे हजारों परीक्षार्थियों का इंतजार बढ़ता जा रहा है।
यूकेएसएसएससी के सचिव एसएस रावत ने कहा कि परीक्षा की जिम्मेदारी आउटसोर्स एजेंसी को सौंपी जाएगी। लेकिन, आयोग की जो अपनी प्रिंटिंग प्रेस है, उनमें प्रश्न पत्रों की छपाई की जिम्मेदारी आयोग के परीक्षा नियंत्रक के अधीन होगी। इसलिए यूकेएसएसएससी के परीक्षा नियंत्रक की आगे भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव एसएस रावत ने कहा कि अभी एलटी पदों के सफल अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच चल रही है। इसके बाद पुलिस रैंकर्स के 250 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच शुरू होगी। आयोग की कोशिश है कि जल्द रुकी हुई परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए जाएं।