दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बढ़ती जा रही है। दिल्ली में अजीबोगरीब मामले भी सामने आ रहे हैं। दिल्ली नगर निगम चुनाव भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है। इन सब के बीच सही पार्टी का इलेक्शन सिंबल चोरी हो जा रहा है। तो कहीं नेता अपना पाला बदल रहे हैं। दिल्ली में ऐसा भी हो रहा है कि सुबह दूसरे दल में शामिल हो जाते हैं, शाम को घर वापसी भी नेताओं के हो जाती है। कुल मिलाकर देखें तो दिल्ली में एमसीडी चुनाव को लेकर अजीबो-गरीब किस्से सामने आ रहे हैं। एक किस्से की बात करें तो पूरा मामला चांदनी चौक वार्ड 74 की है।
भाजपा ने यहां से रविंद्र कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन यहीं से पार्टी के सिंबल पर हरिओम गुप्ता ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। सोमवार को इस सीट पर भाजपा के दो उम्मीदवार के नाम का खुलासा हुआ है। इसके बाद हलचल मच गई। किसी को पता नहीं चला कि आखिर एक की जगह दो को सिंबल कैसे मिला? रविंद्र कुमार ने दावा किया कि पार्टी की ओर से उन्हें ही सिंबल मिला है। वहीं, भाजपा ने अपने कानूनी प्रकोष्ठ के सदस्य हरिओम गुप्ता के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी है जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने चुनाव चिन्ह आवंटन का एक पत्र चुराकर एमसीडी चुनाव में चांदनी चौक वार्ड से नामांकन किया है।
दिल्ली भाजपा के महासचिव हर्ष मल्होत्रा द्वारा जारी अलग-अलग पत्रों में कहा गया है कि गुप्ता और उनकी पत्नी सुरेखा गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के निर्देश पर छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। सुरेखा गुप्ता चांदनी चौक से पूर्व पार्षद हैं। गुप्ता ने हालांकि कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं और उन्होंने पार्टी की सहमति के बाद ही नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने दावा किया, मैं ऐसा क्यों करूंगा और चुनाव चिह्न की चोरी क्यों करूंगा? मैंने दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद चांदनी चौक से नामांकन पत्र दाखिल किया।