
देहरादून। नहाए खाए के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व आज सोमवार तड़के उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ। उत्तराखंड में देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार नगरी खासतौर पर छठ के रंग में सराबोर नजर आई। छठ मैया के गीत गाते हुए और दीप जलाकर पूर्वांचल की हजारों व्रती महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया। हरकी पैड़ी सहित गंगा के दर्जनों घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
सोमवार को हजारों महिलाएं और पुरुष गंगा घाटों की तरफ उमड़े और तड़के उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न हुआ। सुबह घाटों पर जमकर आतिशबाजी की गई। देहरादून में टपकेश्वर मंदिर, रायपुर, मालदेवता, नंदा की चौकी सहित कई जगहों पर पूजा के लिए घाट सजाए गए थे। यहां छठ की अनूठी छटा देखने को मिली।
पूजा के लिए शहर भर में भव्य पंडाल सजाए गए। हरकी पैड़ी के साथ-साथ ऋषिकेश त्रिवेणी घाट, प्रेम नगर आश्रम घाट, ज्वालापुर के दुर्गा घाट, सीता घाट, वाल्मीकि घाट पर छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया। बता दें, लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन पूर्वा सांस्कृतिक मंच के 18 घाटों पर 20 हजार छठ व्रतियों ने शाम 5:32 बजे डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया था।
रविवार की सुबह से व्रतियों ने बांस की बनी पूजा की टोकरी व सुपली में फल, चावल का लड्डू, कुछ शुद्ध हरी कच्ची सब्जीयां, मिठाइयां, शुद्ध देसी घी गुड़ के बने ठेकुआ और पूजन सामग्री को सजाना शुरू किया था। सुबह से ही नहा-धोकर अपने हाथ से बनाए मिट्टी के चूल्हे पर ठेकुआ, खाजा, लड्डू वगैरह का प्रसाद बनाने का कार्य में महिलाओं ने किया।
मंच के संस्थापक महासचिव सुभाष झा ने बताया कि सभी घाटों पर मंच के कार्यकर्ता सोमवार की सुबह तक अपनी सेवाएं दी। मालदेवता रोड, डालनवाला बलवीर रोड, हरबंस वाला, केसर वाला समेत तमाम छठ घाटों पर व्रतियों का उत्साह देखने को बन रहा था। तमाम श्रद्धालु छठी मैया को समर्पित गीत गा रहे थे और सूरज देव को नमन कर रहे थे।
छठ पूजा को लेकर कई सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों समेत पाटलिपुत्र विचार मंच ने कई घाटों पर बिजली-पानी की आपूर्ति, पार्किंग, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए दरी आदि की पूरी व्यवस्था की थी।