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देहरादून। ब्रिटिशकाल में रखे गए लैंसडौन नाम को बदले जाने से पहले ही उत्तराखंड में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इस कवायद का विरोध किया है। अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बड़ा बयान दिया है। माहरा ने कहा कि आरएसएस और मुस्लिम लीग ने अंग्रेजों का साथ दिया था।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा सबसे पहले खुद को बदले और अंग्रेजों के बनाए कानूनों को बदले। क्योंकि अंग्रेजों के समय में हमें जिसने सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई वो थी मुस्लिम लीग और आरएसएस। जिन लोगों ने अंग्रेजों का साथ दिया। मुस्लिम लीग खत्म हो चुकी है और अब आरएसएस को खत्म करना चाहिए।
माहरा ने कहा कि अंग्रेजों के बनाए जो कानून भारत की तरक्की में बाधा है उनको हटाना चाहिए। सबसे पहले कैंट एक्ट। जिसकी वजह से यहां के लोग दोयम दर्जे का जीवन जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि वह लैंसडौन को गुलामी का प्रतीक नहीं मानते। उनके इस बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पलटवार किया। भट्ट ने कहा कि कांग्रेस गुलामी की सोच में अब तक जकड़ी है।
यही नहीं लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने कालौं का डांडा के बजाय कालेश्वर नगर या बलभद्र सिंह नेगी नगर नाम रखे जाने की वकालत की। उधर, लैंसडौन के कुछ स्थानीय लोगों व संगठन ने नाम बदलने की कवायद पर सवाल उठाया और इसका विरोध किया है। केएसएससी भर्ती को लेकर भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि मामले में अभी तक एस राजू की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। उन्होंने हाकम सिंह को मोहरा बताया। कहा, सफेदपोशों को बचाने की कोशिश की जा रही है।