मुख्यमंत्री से किया अनुरोध
पीड़ित ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मृतक आश्रितों को दो लाख, ज्यादा गंभीर घायलों को एक लाख, और घायलों को 50 हजार रुपये देने की भी घोषणा की थी। लेकिन अखबार में खबर छपने के बाद जो चेक बांटे गए, उसमें घायलों को 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि देने की जानकारीप्राप्त हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि एम्स प्रबंधन को ताकीद करें ताकि उनकी भांजी को उचित इलाज मिल सके।
देहरादून। मेरी भांजी इस समय कोमा में है। बड़ी सिफारिश के बाद भी एम्स ऋषिकेश में सही इलाज नहीं मिल पा रहा। संदेश में उन्होंने बस हादसे में गंभीर घायलों के इलाज में बरती जा रही कोताही का सच भी उजागर किया।
उन्होंने अपने संदेश में लिखा, मेरी भांजी अंजलि (18 वर्ष) बस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। भांजी के पिता की दुर्घटना में मृत्यु हो गई और भाई भी घायल हुआ। भांजी एम्स में भर्ती है और कोमा में है। बहुत सिफारिश के बावजूद एम्स में सही इलाज नहीं मिल पा रहा है।
संपर्क करने पर परिजन ने बताया कि पहले तो दवाइयां वहीं से दी जा रही थीं, अब दवाइयां भी बाहर से लिखी जा रही हैं। दवाइयां महंगी हैं और अकेली होने के कारण दवाइयां लाने में दीदी को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है।
उन्होंने सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सारा इलाज सरकारी खाते से कराने की घोषणा की थी तो डॉक्टर बाहर से दवाइयां लाने के लिए क्यों कह रहे हैं?