हरिद्वार। बस में सवार समुदाय विशेष के लोगों द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने के मामले में पुलिस ने 22 नामजद समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। खानपुर थाना क्षेत्र के गोवर्धनपुर गांव निवासी चरण सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 20 अक्टूबर की शाम क्षेत्र के एक गांव निवासी समुदाय विशेष के लोग बस में सवार होकर क्षेत्र के लालचंदवाला गांव की ओर जा रहे थे।
आरोप है कि उक्त लोग जब गोवर्धनपुर गांव में पहुंचे तो उन्होंने यहां पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। नारों की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए, लेकिन तब तक नारे लगाने वाले लोग वहां से जा चुके थे। भाजपा नेता चरण सिंह ने कार्यकर्त्ताओं के साथ गोवर्धनपुर पुलिस चौकी पहुंचकर तहरीर देकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उनका कहना था कि ऐसे लोगों के कारण ही अक्सर माहौल बिगड़ता है। यदि उक्त लोग मौके पर रुक जाते तो बड़ा बवाल हो सकता था।
आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। खानपुर थानाध्यक्ष अरविंद रतूड़ी ने बताया कि तहरीर के आधार पर फिरोज, नदीम, इस्लाम, काला, इंतजार, छोटन, यूनुस, अमजद, हासन, गुलशनव्वर, इदरीश, कादिर, शौकीन, सद्दाम, आरिफ, गुलजार, मुराद, शहदाब, शौकीन, कादिर, गुलजार, तस्लीम आदि को नामजद करते हुए अन्य अज्ञात के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य और जिला सहकारी बैंकों में साइबर सिक्योरिटी और कोर बैकिंग का काम संभाल रही कंपनी पर सवाल उठाते हुए गड़बड़ी की आशंका जताई है। केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने आरोप लगाया कि कंपनी एनआरएचएम घोटाले में ब्लैक लिस्ट कर दी गई थी तो फिर इसे उत्तराखंड में कैसे काम दे दिया गया। आरोप लगाया कि कंपनी उत्तर प्रदेश में 146 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में पकड़ी गई है।
इसके बावजूद इसे न सिर्फ उत्तर प्रदेश के सहकारी बैंक में काम दे दिया गया, बल्कि उत्तराखंड में भी इस कंपनी को ही सिक्योरिटी सिस्टम तैयार करने का जिम्मा दिया गया। यह भी जानकारी में आया है कि काम बिना टेंडर दे दिया गया। इससे पहले ये काम विप्रो कंपनी कर रही थी, लेकिन अचानक इस कंपनी से काम वापस ले लिया गया। जिसका सहकारी बैंक यूनियन ने भी विरोध किया था।
अहम सवाल यह है कि सिस्टम तैयार करने के लिए कंपनी को ढाई से तीन करोड़ रुपये का भुगतान भी हो चुका है। उन्होंने ब्लैक लिस्टेड कंपनी का अनुबंध निरस्त करने की मांग की है।