देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड में छिपे वीआईपी के नामों को उजागर करने, विधानसभा भर्ती घोटाले के मामले में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर युवा न्याय संघर्ष समिति का आंदोलन 11वें दिन धरना जारी रहा।
आंदोलनकारी सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को न्याय दिलाने के लिए 11 दिन से धरना दे रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस धरने को हल्के में ले रहा है। उन्होंने कहा कि यदि शासन प्रशासन जल्द ही संज्ञान नहीं लेता है तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
अरविंद हटवाल ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द बहन अंकिता भंडारी को न्याय नहीं दिलाती है, विधानसभा बैकडोर भर्ती में कैबिनेट प्रेमचंद अग्रवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई नहीं की जाती है तो युवा न्याय संघर्ष समिति के लोग मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने देने को मजबूर होंगे।
समिति के सदस्य प्रवीण जाटव ने कहा कि सरकार की चुप्पी से स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं सरकार दोषियों को बचाने का काम कर रही है। सरकार को जल्द ही वीआईपी का नाम उजागर कर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। धरना देने वालों में राज्य आंदोलनकारी विमला बहुगुणा, विनोद रतूड़ी, आशुतोष डंगवाल, संजय सिल्सवाल, अरविंद हटवाल, उमंग देवरानी, लक्ष्मी कठैत, विमला देवी उपस्थित थे।