चमोली। पट्टाभिषेक पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद आज रविवार को शंकराचार्य नवनियुक्त ज्योतिष्पीठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती केदारनाथ पहुंचेगे।
17 अक्टूबर को जोशीमठ में होने वाले धर्म महासम्मेलन के लिए तीन पीठ के शंकराचार्य नवनियुक्त ज्योतिष्पीठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, दक्षिणाम्नाय शृंगेरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी विधुशेखर भारती और पश्चिमाम्नाय शारदा-द्वारका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती शनिवार को बदरीनाथ पहुंचे थे।
तीनों पीठों के शंकराचार्य आज रविवार को केदारनाथ धाम के दर्शन करेंगे। महासम्मेलन स्वागत समिति एवं ज्योतिष पीठ के ब्रह्मचारी स्वामी मुकुंदानंद ने बताया कि केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद तीनों पीठ के शंकराचार्य जोशीमठ लौटेंगे।
वहीं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अभिनंदन समारोह का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (निरंजनी) ने बहिष्कार किया है। अखाड़ा परिषद का कहना है स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को गलत तरीके से शंकराचार्य चुना गया है। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद संन्यासी अखाड़ों के संत-महंत जल्द ही नया शंकराचार्य चुनेंगे। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ज्योतिष्पीठ की गद्दी पर उनका अभिषेक हो चुका है।
निरंजनी अखाड़े में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि ज्योतिष मठ गिरि नामा है और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हैं। इसलिए उनका मठ पर कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्टे होने के बावजूद कार्यक्रम आयोजित करना और उसमें जाना अवमानना की श्रेणी में आता है। इसलिए अखाड़ा परिषद (निरंजनी) अभिनंदन समारोह का बहिष्कार करती है।