देहरादून। आरएफसी ने सरकारी राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए जीपीएस वाहनों का संचालन शुरू कर दिया है। अब सरकारी सस्ता गल्ले के राशन विक्रेता वाहनों को बाहर से हायर नहीं कर पाएंगे। मानक को ताक पर रखने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संभागीय खाद्य नियंत्रक बंशीलाल राणा ने बताया कि राशन ढुलाई में पारदर्शिता को लेकर जीपीएस वाहन व्यवस्था लागू की गई है। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदाम से सरकारी सस्ता गल्ले की दुकान तक राशन पहुंचने के लिए जीपीएस वाहन की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम द्वारा निर्मित एप से खाद्यान्न ले जाने वाले वाहनों को ट्रैकिंग किया जा रहा है।
प्रथम फेज में यह व्यवस्था देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, डोईवाला में शुरू की गई है। इसके अलावा हरिद्वार जिले में रुड़की को छोड़कर अन्य जगहों पर भी शुरू की गई है। कहा गोदाम से राशन लोड होते ही चालक का मोबाइल नंबर एप में फीड किया जाएगा। इसके साथ ही जिन सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान तक राशन पहुंचाया जाना है। उन रूटों का पूर्व में अवलोकन कर एप में फीड किया जा चुका है।
यदि वाहन रूट से इतर जाता है, तो तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। गोदाम प्रभारी से हर दिन की गतिविधियों की रिपोर्ट मांगी जा रही है। इसके अलावा माह में तैयार की गई रिपोर्ट को भी प्रेषित करने को कहा गया है। कहा जीपीएस वाहन योजना संचालित करने से पूर्व वाहनों का रूट पर ट्रायल किया जा चुका है।
देहरादून जिले की बात की जाए, तो शहर में करीब 1045 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें संचालित हो रही है। इस दुकानों की मानिटरिंग की जिम्मेदारी जिला पूर्ति विभाग के पास है। जबकि घटतौली पकड़ने के लिए बाटपाप विभाग की जिम्मेदारी है। इसके अलावा राशन को दुकानों तक सुरक्षित पहुंचाना आरएफसी की जिम्मेदारी है।