
देहरादून। पीएम नरेंद्र मोदी की बहन बसंती बेन और उनके बहनोई हंसमुखलाल ऋषिकेश और देहरादून के निजी प्रवास के बाद वापस लौट गए। पूरे प्रवास के दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी और किसी भी प्रकार की सार्वजनिक बातचीत या बयान देने से परहेज किया। उनकी यात्रा पूरी तरह निजी रही और परिवारिक व धार्मिक कार्यक्रमों पर केंद्रित बताई जा रही है।
उत्तराखंड प्रवास के दौरान नरेंद्र मोदी विचार मंच उत्तराखंड की टीम ने उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया। बसंती बेन को गढ़वाल की सांस्कृतिक पहचान माने जाने वाले पारंपरिक अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया, जबकि हंसमुखलाल को गढ़वाली टोपी पहनाई गई। इसी अवसर पर सम्मानस्वरूप उन्हें उत्तराखंड की वीरांगना “तीलू रौतेली” की प्रतिमा स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई।
टीम के सदस्यों ने बताया कि यह सम्मान उत्तराखंड की परंपराओं और आतिथ्य के प्रतीक के रूप में दिया गया। शांतिपूर्ण और सादगीपूर्ण तरीके से पूरा हुआ यह प्रवास बिना किसी औपचारिक सार्वजनिक कार्यक्रम के संपन्न हो गया।




