
राज्य कर विभाग की विशेष अन्वेषण शाखा (एसटीएफ) ने शुक्रवार देर शाम सेलाकुई स्थित एक फूड सप्लीमेंट निर्माता कंपनी के कार्यालय और गोदाम पर छापेमारी कर बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का भंडाफोड़ किया। प्रारंभिक जांच में कंपनी द्वारा लगभग पांच करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी किए जाने का मामला सामने आया है। कार्रवाई के दौरान कंपनी ने मौके पर ही 1.75 करोड़ रुपये की टैक्स राशि जमा कर दी, जबकि शेष राशि और जुर्माने को लेकर आगे की प्रक्रिया जारी है।
राज्य कर आयुक्त सोनिका के निर्देश पर आयुक्त पीएस डुंगरियाल और अपर आयुक्त गढ़वाल अजय कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने यह कार्रवाई की। विभागीय टीम ने कंपनी से इलेक्ट्रॉनिक डेटा, ई-वे बिल, तथा माल की खरीद–बिक्री से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। अधिकारियों के अनुसार रिकॉर्ड की जांच में खरीद और बिक्री के आंकड़ों में भारी अंतर पाया गया, जिससे टैक्स चोरी की पुष्टि हुई।
जांच में यह भी सामने आया कि ई-वे बिलों में जिन वाहनों के नंबर बताए गए थे, वे किसी भी टोल प्लाजा से गुजरे ही नहीं, जिससे स्पष्ट हुआ कि कागजात में हेरफेर कर काल्पनिक बिल तैयार किए गए थे। विभाग का कहना है कि इस तरह के दस्तावेज़ तैयार करके कंपनी बड़े पैमाने पर टैक्स बचा रही थी।
राज्य कर विभाग के उपायुक्त सुरेश कुमार ने बताया कि कंपनी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और प्रारंभिक जांच के आधार पर 1.75 करोड़ रुपये की टैक्स राशि जमा करा दी है। हालांकि, जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की गहन जांच के बाद टैक्स चोरी की कुल राशि और भी अधिक बढ़ सकती है।
छापेमारी अभियान में टीआर चन्याल, अलीशा बिष्ट, असद अहमद, कंचन थापा और अनुराग पाठक सहित विभाग के कई अधिकारी शामिल रहे। विभाग का कहना है कि राज्य में टैक्स चोरी पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और इस प्रकार की अनियमितताओं पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।




