
देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में जमीन और संपत्तियों के सर्किल रेट (Circle Rate) यानी न्यूनतम मूल्य निर्धारण दरों में बढ़ोतरी कर दी है। यह संशोधन दो साल बाद किया गया है। अब जमीनों की रजिस्ट्री के दौरान खरीदारों को पहले से अधिक मूल्य पर स्टांप ड्यूटी देनी होगी, जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
राज्य में तेजी से बढ़ रहे निर्माण कार्यों, आवासीय परियोजनाओं और भूमि खरीद-फरोख्त को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, कई जिलों में जमीन की वास्तविक कीमतें बाजार दर से काफी अधिक हो चुकी थीं, जबकि सर्किल रेट पुराने स्तर पर ही थे। इससे सरकार को रजिस्ट्री से अपेक्षित राजस्व नहीं मिल पा रहा था।
देहरादून में लागू हुए नए रेट
देहरादून जिला प्रशासन ने रविवार को नए सर्किल रेट अधिसूचित कर दिए। यह दरें 5 अक्टूबर से प्रभावी हो गई हैं। इससे राजधानी में आवासीय भवन, फ्लैट और व्यावसायिक परिसरों की कीमतों में सीधा असर देखने को मिलेगा।
कहां हुई सबसे ज्यादा वृद्धि
सूत्रों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में बड़ी हाउसिंग सोसाइटी, मल्टीस्टोरी प्रोजेक्ट, औद्योगिक इकाइयां या प्रमुख विकास परियोजनाएं चल रही हैं, वहां सर्किल रेट में सर्वाधिक बढ़ोतरी की गई है। ग्रामीण या सीमांत इलाकों में यह बढ़ोतरी अपेक्षाकृत कम है।
शासन स्तर पर लंबा मंथन
नए सर्किल रेट तय करने को लेकर पिछले कई महीनों से शासन स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा था। जिलाधिकारियों द्वारा भेजे गए प्रारंभिक प्रस्तावों में त्रुटियां मिलने पर शासन ने सुधार कर दोबारा रिपोर्ट मांगी थी। समीक्षा के बाद रविवार को सभी जिलाधिकारियों को नए दरों को लागू करने के आदेश जारी कर दिए गए।
सरकार का तर्क
सरकार का कहना है कि जमीनों की वास्तविक बाजार दरों और सर्किल रेट के बीच का अंतर कम करने के लिए यह आवश्यक था। इससे रियल एस्टेट में पारदर्शिता आएगी, अवैध नकद लेनदेन (ब्लैक मनी) में कमी होगी और रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित बनेगी।
प्रभाव आम जनता पर
अब प्रदेश में घर या दुकान खरीदने वालों को रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी के रूप में अधिक राशि देनी होगी। इसका असर हाउसिंग लोन और प्रॉपर्टी मार्केट पर भी पड़ेगा, क्योंकि रजिस्ट्री मूल्य बढ़ने से कुल लेनदेन राशि बढ़ जाएगी।