
राज्य में किन्नर समाज द्वारा,पारिवारिक मांगलिककार्यों,त्योहारों,आवास, निर्माण आदि पर,अनाधिकृत रूप से नागरिको को बददुआओं का डर दिखाकर बधाई के रूप में जबरन वसूली जाने वाली अधिकतम राशी नियत करने हेतु एसओपी जारी किए जाने की मांग को लेकर दून के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक ला एंड ऑर्डर गुंजाल, को अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरुगेशन को सम्बोधित,ज्ञापन दिया।
दून वासियों ने बताया किन्नर समाज विवाह, पुत्रजन्म,आवास निर्माण, तीजत्यौहार आदि पर किसी भी आवास स्वामी/ किराएदार के यहा जाकर इनको आतंकित कर असभ्य व्यवहार करते हुए बद्दुआओं का डर दिखाकर जबरन मुंह मांगी राशि वसूलते हैं।जबकि इन अपराधों के लिए कानून बने हुए हैं। इनकी मांग थी की विभाग द्वारा एसओपी जारी की जाय। इसमें किन्नरो द्वारा निजी निवास के बाहर /आवास स्वामी/किराएदार महिला-पुरुष / वरिष्ठ नागरिकों की शांती भंग करने पर,पुलिस सहायता 105 तथा सीएम हेल्पलाइन 1905 आदि पर इनके अभद्र व्यवहार की वीडियो रिकॉर्डिंग सहित शिकायत तत्काल दर्ज की जाय।
पुलिस विभाग तुरंत शिकायतकर्ता तक पहुंच कर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे।एसओपी में शासन द्वारा किन्नरों के लिए दान स्वरूप दी जाने वाली राशी अधिकतम सीमा निर्धारित करने की मांग भी की गई है। किन्नरो द्वारा कपडे,राशन,गोल्ड या चांदी आदि की मांग करने पर भी रोक लगाने पर भी रोष जताया गया। ज्ञापन में दानदाता द्वारा विवाह संस्कार उपरांत दी जाने वाली प्रस्तावित दान की राशी:-1001/-रुपया/आवास निर्माण हेतु 1501/-पुत्र जन्म पर 2100/- रुपया। त्योहारों पर्व आदि पर दानदाता द्वारा दी जाने वाली प्रस्तावित राशी 101/-रूपया निश्चित करने की भी मांग प्रतिनिधिमंडल ने की है।
इस बारे में अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरुगेशन के साथ वार्ता कर आवश्यक कदम उठाए जाने की कार्यवाही की संभावना बलवती हो गई है। दूसरी ओर इसी विषय को लेकर जिलाधिकारी को भी ज्ञापन दिया गया है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट कारवाही करेंगे।प्रतिनिधिमंडल में व्यापार मंडल के सुनील बांगा, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी कल्याण समिति के एस पी डिमरी, मुकेश नारायण शर्मा, उत्तराखंड पेंशनर्स समन्वय समिति के गिरीश भट्ट, राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, संयुक्त नागरिक संगठन के सी एस नेगी, सुशील त्यागी, अवधेश शर्मा, रोड सेफ्टी के उमेश्वर सिंह रावत, पेंशनर्स संगठन के ठाकुर शेरसिंह आदि थे।