
चीन के जियांग्शी प्रांत में एक ऐसी घटना घटी, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। 44 वर्षीय फैक्ट्री क्लीनर Peng Huifang ने एक ऐसी दुर्घटना का सामना किया, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं। यह कहानी न केवल उनकी हिम्मत और किस्मत की है, बल्कि उस चमत्कार की भी, जिसने उनकी जिंदगी बचा ली। आइए, इस दिल दहला देने वाली घटना को करीब से जानते हैं।
Peng Huifang अपने पति के साथ मिलकर एक क्लाइंट की 12वीं मंजिल पर बनी बालकनी की मरम्मत का काम कर रही थीं। उनका काम था अपने पति की सहायता करना, जो एक भारी-भरकम खिड़की को क्रेन की मदद से ऊपर खींच रहे थे। यह खिड़की कई सौ किलो की थी, और इसे ठीक करना आसान नहीं था। Peng Huifang ने सोचा कि वो कमरे के अंदर हैं, इसलिए उन्हें सुरक्षा रस्सी की जरूरत नहीं। लेकिन यही छोटी सी लापरवाही उनकी जिंदगी पर भारी पड़ गई।
जैसे ही Peng और उनके पति ने खिड़की को ऊपर खींचना शुरू किया, वह अचानक एक पेड़ की शाखा में फंस गई। खिड़की को छुड़ाने की कोशिश में Peng ने जोर लगाया, लेकिन तभी उनका संतुलन बिगड़ा। खिड़की के साथ वो इमारत के बाहर की ओर खिंच गईं और 12वीं मंजिल से नीचे गिरने लगीं। उस पल में उनके दिमाग में बस एक ही ख्याल था, “अब सब खत्म!” लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
जिस जगह Peng Huifang गिर रही थीं, वहां एक टूटी-फूटी केनोपी (छतरी) लगी थी। यह केनोपी उनकी जिंदगी का तारनहार बन गई। जैसे ही वो उस पर गिरीं, उनकी गिरने की रफ्तार धीमी हो गई, जिससे वो सीधे जमीन पर नहीं टकराईं। इस छोटे से चमत्कार ने उनकी जान बचा ली। हालांकि, गिरने का झटका इतना तेज था कि वो हिल नहीं पा रही थीं, लेकिन होश में थीं।
जैसे ही Peng Huifang को होश आया, उन्होंने जोर से अपने पति को पुकारा और चिल्लाईं, “मैं मरी नहीं हूं, 120 पर कॉल करो!” (चीन में 120 इमरजेंसी सेवा का नंबर है)। उनके पति ने तुरंत इमरजेंसी सर्विस को बुलाया, और Peng को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया गया। जांच में पता चला कि उनके दोनों पैरों और पीठ में फ्रैक्चर हो गया है। डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी की, और अब वो रिकवरी के रास्ते पर हैं। डॉक्टरों का कहना है कि Peng Huifang अगले छह महीनों में फिर से चलने-फिरने लायक हो जाएंगी।