
संत कबीर नगर। संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद कोतवाली इलाके के टेमा रहमत स्थित संस हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में काम करने वाली नर्स की अस्पताल में हत्या कर दी गई। उसके गले में तीन जगह खरोंच के निशान मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम में गले की तीन हड्डियां टूटी मिली हैं। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर संचालक रामजी राव के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं सीएमओ के निर्देश पर टीम ने अस्पताल सील कर दिया है। पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के पहुरा गांव के निवासी एक शख्स की पोती 24 वर्षीय युवती खलीलाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर स्थित निजी अस्पताल में नर्स थी। सोमवार रात में 11 बजे उसने मां को फोन करके बताया कि हॉस्पिटल में ही रुकेगी और सुबह घर आएगी।
मंगलवार सुबह सात बजे तक ममता जब कमरे से बाहर नहीं निकली तो पड़ोस के कमरे के लोग पहुंचे। कमरे में कुंडी नहीं लगी थी। दरवाजा खोला गया नर्स बेसुध मिली। गले पर तीन जगह खरोंच के निशान दिखे। इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने परिजनों को सूचना दी। अस्पताल पहुंचे परिजन हंगामा करने लगे। हत्या की आशंका जताते हुए जांच की मांग की। हंगामे की जानकारी पर सीओ, एएसपी सुशील सिंह तथा मौके पर पहुंच गए। दोपहर में एसपी भी मौके पर पहुंचे। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने रामजी राव के खिलाफ केस दर्ज किया है। अस्पताल के संचालक रामजी राव का कहना है कि नर्स की किडनी में पांच माह से पथरी थी। उसकी दवा चल रही थी। रात में उसको दर्द हुआ तो इंजेक्शन और दवा दी गई। इसके बाद वह जाकर सो गई। सुबह जब वह देर तक नहीं उठी तो जाकर देखा गया। उसकी सांस नहीं चल रही थी। इसके बाद उसके परिजनों को सूचना दी गई।
संतकबीरनगर की कोतवाली क्षेत्र के टेमा रहमत के अस्पताल में हुई स्टाफ नर्स की मौत के मामले में परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी की मौत दम घुटने से हुई है। उसे गला दबाकर मारा गया है। परिजनों का कहना है कि पुलिस और अस्पताल के डॉक्टर कुछ भी नहीं बता रहे हैं मगर उन्हें वहां के स्टाफ से जानकारियां मिली हैं। उधर डॉक्टरों की टीम ने वेजाइनल स्वाब का नमूना भी लिया है। इसे यह जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भेजा जाएगा। नर्स का पोस्टमार्टम चार चिकित्सकों के पैनल ने किया है। इस पैनल में दो विशेषज्ञ महिला चिकित्सकों को भी शामिल किया गया था। पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई है। इसके साथ ही कुछ अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों से भी परामर्श लिया गया है। पुलिस देर रात तक इस मामले में कुछ भी बताने से बचती रही। परिवार वालों ने बताया कि उन्हें अस्पताल और पुलिस से कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिस समय अस्पताल सील किया। उस समय अस्पताल में करीब चार मरीज भर्ती थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन्हें दूसरे अस्पताल में भिजवाया है।
सूत्रों के अनुसार सरकारी चिकित्सक भी इस अस्पताल में ड्यूटी देते थे। इन चिकित्सकों की बदौलत यह अस्पताल चलता था। पुलिस इस बात का भी पता कर रही है कि रात में कोई डॉक्टर मरीज देखने अस्पताल आया या नहीं। अस्पताल में मरीजों के साथ ही सोमवार को रात में तैनात सभी कर्मियों का ब्यौरा भी पुलिस जुटा रही है। पुलिस ने सीसीटीवी की जांच की तो उस समय रात में कमरे की तरफ कोई आता नहीं दिख रहा है। पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस कमरे में नर्स सोई थी। उस कमरे का दरवाजा हॉल से खुलता है। हॉल से छत पर जाने को एक सीढ़ी लगी है। तो अंदेशा जताया जा रहा है कि हत्यारा कहीं कमरे में हॉल में लगी सीढ़ी के रास्ते तो नहीं आया। पुलिस इस मामले में सभी एंगल से जांच कर रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि अस्पताल में सोमवार रात करीब चार मरीज भर्ती थे। इन्हें देखने के लिए रात में उसके साथ एक और नर्स मौजूद थी। पुलिस उस नर्स से भी पूछताछ की है।
पुलिस ने अस्पताल के संचालक रामजी राव (37) जो चंगेरा मंगेरा का निवासी है, उसे एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया। उसने बताया कि वह सेमरियांवा क्षेत्र के सालेहपुर गांव के सिंघोरवा दीगर गांव में किराये के मकान में क्लीनिक चलाया करता था। वर्ष 2018 में उसने टेमारहमत में अलग-अलग स्थानों पर अपने अस्पताल का संचालन कर रहा है। वहीं घटना के बाद पुलिस ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी के डीवीआर को अपने कब्जे में ले लिया। वह इस डीवीआर की पूरी तरह से छानबीन की जाएगी कि रात के समय अस्पताल में कौन आया था। साथ ही साथ अन्य चीजों को भी खंगाला जाएगा। मृत युवती की मां बताती हैं कि उनके चार बच्चों में वो सबसे बड़ी थी। उसके पिता बाहर रहते हैं। घर पर उसके बाबा रहते हैं। वह काफी कर्मठ थी और अपने पैरों पर खड़े होना चाहती थी।
बताया जाता है कि युवती पिछले 13 माह से इस अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट और स्टाफ नर्स दोनों काम देखती थी। पिछले दो माह से उसने अपना ड्यूटी का टाइम बदल लिया था। रात में ड्यूटी करती थी और अस्पताल परिसर में ही रहती थी। सप्ताह में एक बार ही घर जाती थी। उसने अपनी मां को सोमवार की रात में फोन करके बताया था कि मंगलवार को घर आएगी। जिस मकान में अस्पताल का संचालन किया जाता है, वह मकान टेमा रहमत के निवासी कमलुद्दीन चौधरी का है। उनका परिवार पहले मुंबई रहता था। 15 दिन पहले ही उनके परिवार के लोग बाहर से आए हैं। वह इसी अस्पताल परिसर के एक हिस्से में परिवार के साथ शिफ्ट हुए हैं। शव का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल के द्वारा किया गया। तीन चिकित्सकों के पैनल ने इसका पोस्टमार्टम किया और वीडियो कैमरे की निगरानी में पोस्टमार्टम किया गया।
शव का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल से कराया गया है। अस्पताल में लगे सीसीटीवी को भी चेक किया गया तथा उसकी डीवीआर सुरक्षित रख ली गई है। संचालक के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच की जा रही है। – सत्यजीत गुप्ता, एसपी, संतकबीरनगर