
हल्द्वानी। सरकारी योजनाओं के नाम पर जनता के पैसों की बर्बादी कैसे होती है, इसकी मिसाल है शिल्पी हाट। हैरानी की बात यह है कि समाज कल्याण विभाग ने इतने वर्ष बीतने के बावजूद इसे सफेद हाथी बनाए रखा। अब इसमें अस्थायी व्यवस्था के तहत हल्द्वानी तहसील शिफ्ट होनी है। बरेली रोड गौजाजाली में पुरानी धान मिल के पास बनाए गए इस भवन का नाम है शिल्पी हाट। तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने इसका लोकार्पण 21 फरवरी 2009 को किया था।
इसका उद्देश्य था दिल्ली के क्राफ्ट बाजार की तर्ज पर यहां स्थानीय शिल्पकारों को मंच मिलने के साथ स्वरोजगार बढ़े। हकीकत यह है कि 16 साल बाद भी यहां दुकानें नहीं खुली। इस परिसर में कुल 24 दुकानें हैं जबकि एक कैफेटेरिया है। समाज कल्याण विभाग की अनदेखी का दंश झेल रहा भवन जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। बाजार बनने वाली इमारत अब वीरान है। जगह-जगह झाड़ियां उग आई हैं और शाम ढलते ही नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है।
समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रकाश चंद्र से जब इस संबंध पर सवाल पूछा गया तो वे कहने लगे इसमें तहसील शिफ्ट किया जाना है। इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि तहसील शिफ्ट का फैसला तो हाल में लिया गया, इससे पूर्व इतने सालों में इसकी सुध क्यों नहीं ली गई.. दुकानें किसको आवंटित की गईं और यदि की गईं तो दुकानें खुली क्यों नहीं…। इस पर उनका कहना था कि आपको बता कर आवंटित करेंगे। उनके इस रवैय्ये पर जब दोबारा सवाल पूछा तो फोन काट दिया। एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि नमो भवन बनाने तक शहर की तहसील को इस भवन में शिफ्ट किया जाएगा।