
मेरठ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्जी तरीके से दुकानें बेचने के मामले में मेरठ की रंजना एसोसिएट्स की 69.50 लाख रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। ईडी ने मेरठ के जागृति विहार स्थित भूखंड संख्या 7, स्कीम 6, सेक्टर-7 की निर्माणाधीन व्यावसायिक अचल संपत्ति को जब्त किया है। इसका निर्माण रंजना एसोसिएट्स के पार्टनर पंकज गुप्ता द्वारा दुकानों की अवैध बिक्री से प्राप्त आय से किया गया था।
ईडी ने मेरठ के नौचंदी पुलिस स्टेशन और मेडिकल कॉलेज पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर इस प्रकरण की जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके दुकानों की अवैध बिक्री की गई थी, जिससे आम जनता को आर्थिक नुकसान हुआ था। रंजना एसोसिएट्स में पार्टनर पंकज गुप्ता ने उप्र आवास एवं विकास परिषद के साथ किराया-किस्त खरीद समझौते के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया।
उन्होंने बिना उचित सहमति के प्लॉट पर अवैध रूप से दुकानें और कार्यालय बनाकर बेचे और अवैध वित्तीय लाभ के लिए खरीदारों के साथ बिक्री समझौतों में जालसाजी की। इन अवैध लेन-देन की आय, जो 69.5 लाख रुपये थी, का उपयोग प्लॉट पर निर्माण के लिए किया गया। इन कार्यों से अनुबंध का उल्लंघन, आपराधिक गतिविधि और खरीदारों और राज्य अधिकारियों को वित्तीय नुकसान हुआ।
मेरठ में आवास एवं विकास परिषद के शास्त्रीनगर स्थित कार्यालय में 24 सितंबर 2024 को पंकज गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। पहले बकाएदार को किसी काम से दफ्तर बुलाया गया था। इसी बीच तहसीलदार और पुलिस को बुला लिया गया। टीम के आते ही बकाएदार सहम गया और खिसकने की कोशिश की थी। टीम ने घेरकर आरोपी को दबोच लिया था। आवास एवं विकास परिषद की जागृति विहार योजना में सेक्टर-7 में मैसर्स रंजना एसोसिएट्स को वर्ष 2013 में 895 वर्ग मीटर का प्लॉट आवंटित किया गया था।
एसोसिएट्स के डायरेक्टर पंकज गुप्ता ने दस फीसदी रकम जमा करने के बाद कब्जा ले लिया था। अफसरों के मुताबिक 2015 में कब्जा लेने के बाद कोई बकाया पंकज गुप्ता ने जमा नहीं किया, जिस पर 2018 में दो करोड़ 58 लाख रुपये की आरसी जारी कर दी गई। इसकी वसूली के लिए तहसील और जिला प्रशासन को भी पत्र भेजा गया था।